Connect with us

Hi, what are you looking for?

राजस्थान

जब इंडिया न्यूज के रिपोर्टर को नहीं मिल रहा न्याय तो राजस्थान के आम आदमियों का क्या होगा हाल

अलवर में बिगड़ रहे हालात… फर्जी और दलाली करने वाले पत्रकारों का हो रहा बोलबाला… अलवर प्रशासन दलालों की गोद में… थानों से ले रहे मन्थली… लोकल चैनल लूट रहे जनता को… उनका साथ दे रहे प्रशासन के लोग… कुछ करो यारों, मेरी मदद करो…

<p>अलवर में बिगड़ रहे हालात... फर्जी और दलाली करने वाले पत्रकारों का हो रहा बोलबाला... अलवर प्रशासन दलालों की गोद में... थानों से ले रहे मन्थली... लोकल चैनल लूट रहे जनता को... उनका साथ दे रहे प्रशासन के लोग... कुछ करो यारों, मेरी मदद करो...</p>

अलवर में बिगड़ रहे हालात… फर्जी और दलाली करने वाले पत्रकारों का हो रहा बोलबाला… अलवर प्रशासन दलालों की गोद में… थानों से ले रहे मन्थली… लोकल चैनल लूट रहे जनता को… उनका साथ दे रहे प्रशासन के लोग… कुछ करो यारों, मेरी मदद करो…

भ्रष्टाचार इस कदर हावी है कि मुझे समझौते के लिए दबाव बनाने के लिये अब मेरी नौकरी पर भी हावी हुए अपराधी… करोड़ों के मालिक हुए हावी… अलवर के पत्रकार निभा रहे मध्यस्थ की भूमिका…. ये पत्र मैं काफी बात पुलिस महानिदेशक राजस्थान को मेल कर चुका हूँ… नीचे मेरा पत्र है, आप भी पढ़ें…

Advertisement. Scroll to continue reading.

हेमंत कुमार जैमन
न्यूज़ इंडिया
रिपोर्टर
अलवर

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्रीमान,
पुलिस महानिदेशक
राजस्थान पुलिस — (राजस्थान)

विषय :– 240 दिवस बाद भी पत्रकार पर हुए हमले के मुख्य अभियुक्त पुलिस की गिरफ़्त से बाहर, पत्रकार की जान ख़तरे में

Advertisement. Scroll to continue reading.

महोदय,

पुलिस की कार्यशैली से नाखुश होकर अंतत: मुझे यह पत्र आपको लिखना पड़ रहा है, कि जिस तरह से मुझपर हुए हमले के केस एफआईआर नंबर -377/14 मे राजगढ़ थानाधिकारी राजेंदर सिंह मीणा के द्वारा 3 महीनों तक कार्यवाही को लटकाया गया, जब जाँच के बारे में पूछताछ की गयी, तो मुझे राजगढ़ थानाअधिकारी राजेंदर सिंह मीणा ने अभद्र तरीके से जवाब दिया, आज की स्थति मे किन्ही
कारण से मेरे केस की फाइल श्रीमान आईजी साहब डी.सी. जैन के पास भिजवा दी गयी है, लेकिन 15 दिवस बीत जाने के बाद भी कोई जवाब ना तो मुझसे माँगा गया ओर ना ही मुझे कोई संतोषजनक जवाब मिला|

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्रीमान 20 जून को वारदात होने के बाद से अबतक 240 दिन गुजर चुके है ओर मुख्य अभियुक्त हरिकिशन मीणा ओर उसका पुत्र योगेंदर मीणा अभी तक पुलिस गिरफ़्त से बाहर है, जबकि माननीय हाई कोर्ट जयपुर न्यायधीश कंवलजीत सिंह। अहलूवालिया के आदेश संख्या 8322/2014 दिनांक 28-7-2014 के तहत अपराधी हरिकिशन मीणा द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज की चुकी है| वारदात के। समय लापरवाही बरतने वाले सब- इनस्पेक्टर विश्वनाथ शर्मा, थानाधिकारी राजेंदर मीणा पर भी कोई कार्यवाही नही की गयी| एक आम आदमी होने के नातेमुझे भी दर्द होता है, मेरा करीब 1 लाख रुपए से ज़्यादा का सामान लूट लिया गया, ओर पुलिस द्वारा अभी तक एक सुई भी बरामद नही की गयी|

मैं वारदात के बाद से काफ़ी बार आपको(पुलिस महानिदेशक- राजस्थान),अलवर एसपी विकास कुमार, मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को मेल से जाँच नही होने ओर गिरफ्तारी नही होने के लिए लिख चुका हूं, लेकिन शायद विभाग के कर्मियो द्वारा शायद आपको अभी तक मेल आना अवगत नही कराया होगा| ओर कोई कार्यवाही भी नही हुई है| मुझे इन 240 दिन मे करीब अनेको लोगो, संस्थाओ द्वारा केस वापिस लेने के लिए दबाव बनाया गया है, जिससे मेरा मानसिक संतुलन सही नही है|

Advertisement. Scroll to continue reading.

बड़े असमंजस की बात है क़ि अलवर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार का नाम।हिन्दुस्तान के कुछ गिने चुने पुलिस अधिकारियो मे होने लगा था, ओर कुछ ही दिनो मे कुछ मीडिया ने “सिंघम” का दर्जा भी दे दिया था, लेकिन मेरे पास धन-दौलत नही होने के कारण मैं इस केस की हकीकत अलवर की जनता तक नही पहुचा सका, यदि अलवर की जनता को सही तरीके से मालूम हो जाए की वास्तव
मे जब एक पत्रकार पर हमले के बाद अलवर पुलिस अधीक्षक ना तो अपराधियो को पकड़ने मे कामयाब हो पाए है, ओर ना ही अपने “नाकाबिल”,”गेरज़िम्मेदार” पुलिस अधिकारीयो पर कार्यवाही कर पाए है तो जनता कठोर सवाल करेगी| हो सकता है| अलवर पुलिस अधीक्षक पर कुछ राजनीतिक, विभागीय दबाव होगा, लेकिन सिंघम की पदवी मिलने के बाद उन्हे हर हाल मे अपराधियो को पकड़ना था|

मुझे बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है क़ि वारदात के 3 दिन बाद ही अपराधियो को साथ बिठाकर अलवर के कुछ पत्रकार जिनमे समाचार प्लस का पत्रकार मुदित गौड़, खेम शर्मा, नितिन शर्मा केमरामेन ने मुझसे 1 लाख रुपए मे सोदा कर एफआईआर वापस करने का दबाव बनाने लगे, ओर नही मानने पर अंजाम भुगतने के लिए भी धमकाया| इनके साथ एक पूरी गेंग है जो पत्रकारिता के नाम पर केवल अवेध रूप से पैसे कमाने का काम कर रहे है| पुलिस को साथ लेकर दर्ज केसो मे, किसी पर एफआईआर नही दर्ज करने, ओर किसी का नाम निकालने मे, मिलकर
चोखो चव्वनि चला रहे है|  मेरे साथ कभी भी कोई अन्य वारदात हो सकती है, ओर वो मोके का इंतजार कर रहे है, मैं भाग्यशाली हू क़ि अभी तक सही सलामत हू|

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्रीमान मैं आपसे भारत का एक आम नागरिक होने नाते प्रार्थना करता हू कि जल्द से जल्द अपराधियो को गिरफ्तार किया जाए ओर मुझे मेरा समान वापस मिले ताकि मैं गुजर-बसर कर सकु, श्रीमान मैं कमजोर नही हुआ हू, लेकिन पुलिस का एक दायित्व जोकि हर नागरिक की रक्षा करना है, वो ही मैं आपसे चाहता हू, राजस्थान मे पुलिस के बड़े अधिकारी होने के नाते मैं आशा करता हू क़ि एक
पत्रकार ओर एक आम नागरिक की भावनायो की कद्र करते हुए आप कठोर कार्यवाही करेंगे|

समस्त मीडिया ओर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले——–

Advertisement. Scroll to continue reading.

मैं इस मेल के माध्यम से अलवर, राजस्थान, ओर भारत के उच्च स्तर के पत्रकारो ओर मीडिया को भी इस वारदात के बारे मे अवगत कराना चाहता हू कि जब एक पत्रकार पर हुए हमले के आरोपी अभी तक नही पकड़े गये है तो आप सभी इस बात का अंदाज़ा लगा सकते है, कि अलवर ओर राजस्थान की पुलिस “पत्रकारो” के अस्तित्व के प्रति कितनी संजीदा है| आप सभी से मैं आपके स्तर पर कार्यवाही करने की आशा करता हू|

नोट :— जिस किसी भी विभाग के कर्मचारी मेल पर है उन विभागीय कर्मियो से निवेदन है, आप मेरी यह मेल अपने उच्च अधिकारियो तक ज़रूर पहुचा दे , आपका सहयोग सराहनीय होगा|

Advertisement. Scroll to continue reading.

सभी ज़रूरी दस्तावेज़ साथ जोड़ दिए गये है, साथ ही अपराधी योगेंद्रर मीणा और उसके पिता हरिकिशन मीणा का फोटो भी है|

हेमंत जैमन
न्यूज़ इंडिया
रिपोर्टर
अलवर
मोबाइल- 08058653695
Hemant Jaiman
[email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.

—-

श्रीमान,

Advertisement. Scroll to continue reading.

विकास कुमार जी,
पुलिस अधीक्षक अलवर,
राजस्थान

महोदय,

Advertisement. Scroll to continue reading.

विगत 20 जून 2014 को राजगढ़ कस्बे मे मुझ पर हुए हमले मे अपराधियो पर दर्ज एफ.आई.आर 377/2014 राजगढ़, अलवर पुलिस द्वारा अब तक की कार्यवाही मे जिस तरह से वीरतापूर्ण कार्य करते हुए रसुखदार अपराधियो को संरक्षण देते हुए उनपर रहमत बरती है उससे उनके परिवार वालो को बड़ी हमदर्दी अलवर की पुलिस से होगी| साथ ही जो भी अधिकारी अभी तक उन्हे बचाते रहे है, ओर पूरी
तरह से एक तरह का सुरक्षा कवच करोड़पति अपराधियो को प्रदान किए हुए है|

मुझे लगता है कि जो भी अधिकारी इस कार्य मे लगे हुए है उन्हे कम से कम पुलिस पदक तो मिलना ही चाहिए|  जिस तरह से राजस्थान सरकार द्वारा सभी थानो पर पढ़ने मे अच्छे लगने वाले स्लोगन “””” आमजन मे विस्वास ओर अपराधियो मे डर”””” लिखवाए गये|  साथ ही सभी थानाधिकारी ओर जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा इस स्लोगन की पूरी तरह से पालॅना करने के भी आदेश दिए गये है|

Advertisement. Scroll to continue reading.

थाने के बाहर से जिस तरह स्लोगन पढ़ने मे अच्छा बेशक लगे, लेकिन थाने के अंदर जाते ही परिवादी को इसका उलट ही मिलता है| आप के द्वारा अलवर मे क़ानून व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए भरसक प्रयास किए गये लेकिन पुलिस महकमा है ही ऐसा जिसमे रोज गड्ढा खोदना है ओर रोज मिट्टी निकालनी है|

आप कितना भी अच्छा काम दिन मे करो ओर रात को एक वारदात पुलिस के सभी मेडल पर पानी फेर देती है| क्या मेरे शांत रहने से पुलिस ये समझ बेठी है कि मुझे न्याय की ज़रूरत नही| ऐसा नही है कोई भी ये भूले नही कि जिस परिवादी ने फरियाद लगाई है उसे न्याय देना अंतिम पड़ाव न्यायलय का है| ओर कोई भी उससे उपर नही|

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्रीमान पुलिस महानिदेशक राजस्थान, आई. जी श्रीमान डी. सी. जैन एवम् आपको 36 पुलिस एक्ट की कार्यवाही हेतु भी पत्र डाला गया लेकिन रजिस्टर्ड एडी होने के बावजूद अभी तक कोई भी रिप्लाई आपकी ओर से नही मिला इसका खेद है| एक पत्रकार होने के नाते जिस तरह से मुझ पर अपराधिक तत्वो ने कार्यवाही की उसका जवाब देना मेरे पेशे का फर्ज़ है ओर पुलिस उसमे यदि आपराधियो से
सहानुभूति बटोर रही है, वो ज़्यादा दिन की नही|  आप सक्षम अधिकारी है ओर मुझे न्याय मिले इसलिए आपकी ज़िम्मेदारी है कि अपराधियो को जल्द गिरफ्तार कर मुझे न्याय देकर संतुष्ट करे|

मुझे पता है आप काबिल है ओर भ्रष्टाचार से लिप्त अधिकारियो को उनकी ड्यूटी का अहसास करा देते है| आज तक मुझे इस बात की संतुष्टि है कि एक सक्षम, काबिल अधिकारी को पूरा मोका मिला है कि वो अपनी क़ाबलियत से राजस्थान सरकार द्वारा दिए गये स्लोगेन का सम्मान करे|

Advertisement. Scroll to continue reading.

मैं परिवादी होने के नाते आपसे न्यायसंगत, नीतिसंगत, ओर तर्कसंगत न्याय की प्रार्थना करता हू, ओर आशा करता हू कि मेरी प्रार्थना पर गोर फरमाकर 7 दिवस मे कोई उचित कार्यवाही करेंगे|

सत्यमेव जयते

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रार्थी

हेमंत कुमार जैमन
न्यूज़ इंडिया
रिपोर्टर
अलवर

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement