महाराष्ट्र से खबर आ रही है कि दैनिक भास्कर समूह की कंपनी डी बी कोर्प का प्रबंधन अपने मराठी दैनिक दिव्य मराठी के औरंगाबाद और नासिक आफिसों में कार्यरत और गुजरात से प्रकाशित दिव्य भास्कर में कार्यरत कर्मचारियों से जबरी त्यागपत्र ले रहा है. साथ ही इनसे फ़ार्म 20 जे साइन करा रहा है. औरंगाबाद में और नासिक में दिव्य मराठी के एक कर्मचारी ने फोन पर बताया कि उससे प्रबंधन जबरी रिजाइन मांग रहा है. ऐसा न करने पर दूर कहीं ट्रांसफर या टर्मिनेट की धमकी दे रहा है.
इसी तरह गुजरात के वरिष्ठ पत्रकार यास्मीन व्यास ने सूचना दी है कि गुजरात में मजीठिया से बचने के लिए डीबी कार्प अपने कर्मचारियों से फ़ार्म 20 जे भरवा रहा है. यास्मीन के मुताबिक़ फ़ार्म पर लिखा है मैंने जो साइन किया है वह मुझे मंजूर है. इसे प्रबंधन श्रम आयुक्त के पास जमा करवायागा.
अधिकांश समाचार पत्रो में ऐसे हालात हैं या होने वाले हैं. अखबार प्रबंधन जानता है कि वह सुप्रीमकोर्ट में मजीठिया वेज बोर्ड मामले का केस हार चुका है और 19 जुलाई के बाद हर हाल में कर्मचारियों को मजीठिया के अनुसार उनका वेतन, एरियर, प्रमोशन और अंतरिम तथा बोनस देना है इसलिए ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों को किसी बहाने से निकाल देना चाहता है ताकि कम लोगों को भुगतान करना पड़े. ऐसे में कर्मचारियों को चाहिए कि वे डरे बिलकुल नहीं और त्यागपत्र बिलकुल न दें और इसकी सूचना लिखित रूप से मजीठिया वेज बोर्ड और सुप्रीमकोर्ट का हवाला देते हुए श्रम आयुक्त कार्यालय व स्थानीय पुलिस में दें. ट्रांसफर से बिलकुल न घबरायें और अपना नियुक्ति पत्र देखें कि उस पर ट्रांसफर का नियम बनाया गया है या नहीं. किसी वरिष्ठ अधिवक्ता से सलाह भी लें.
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
मुंबई
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