Yashwant Singh-
श्याम मीरा भाई को बधाई. मुझे पता है कोर्ट की लड़ाइयां कितनी मुश्किल और मानसिक रूप से थका देने वाली होती हैं. टाइम किलिंग होती हैं. बेचारगी का एहसास कराने वाली होती हैं.
पूरा सिस्टम जब अन्याय और अन्यायी को इस्टैबलिश करने में जुटा हो तो एक अकेला इनसे लड़ते हुए अति शीघ्र किताबी लोकतंत्र और असली नरकतंत्र के परम ज्ञान को हासिल कर लेता है.
मुझे अक्सर लगता है और अब मैं दृढ़ता से मानने लगा हूं कि ज्यादातर भारतीयों के डीएनए में व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वाला कोई कीड़ा नहीं है. ये सिस्टम के आगे नतमस्तक रहने वाले लोग हैं. दास मानसिकता वाली प्रजा है ये. कोई नृप होय हमें का हानि. जो इनके आगे टुकड़े फेंक दे, वो ही इनके लिए भगवान. तो ऐसे कीड़ों मकोड़ों के लिए लड़ना ही नहीं चाहिए. बेकार है इनके लिए अपना समय और अपनी उर्जा खर्च करना. खाइए पीजिए मौज करिए और सूतिया जनता को परम सूतिया बनाइए, जैसे सब बना रहे हैं. पर क्या करें, प्रकृति भी कुछ लोगों को ऐसा रचकर भेजती है कि उनका दूसरों को उंगली किए और अपने खातिर पड़ी लकड़ी लिए बगैर खाना नहीं पचता.
श्याम मीरा भाई भी इसी कैटगरी वाले हैं. इसीलिए मैं इन्हें पसंद करता हूं. मैं तो थक चुका हूं. परम ज्ञान हासिल कर चुका हूं. इसलिए पचास पार होते ही आंतरिक यात्रा पर निकल चुका हूं. सूतियों के लिए सार्वजनिक यात्रा के सुख-दुख देख चुका हूं. बड़े बड़े चेहरों पर चढ़े नकाब को देख चुका हूं. इसलिए अब कोई पंगा दंगा करने का मन नहीं करता लेकिन अपन भी आदत से मजबूर हैं इसलिए कभी कभी पड़ी लकड़ी लेते रहते हैं.
Ravish Yadav-
श्याम मीरा सिंह और बड़े भाई वकील मयंक यादव जी और श्रेय यादव जी आपको आज के कोर्ट के फैसले पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। श्याम भाई आपने पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एक महत्वपूर्ण जंग जीती है। आपने अपने वीडियो के माध्यम से लोगों को सत्य से रूबरू कराया और लोगों को जागरूक किया है। आपका वीडियो शानदार है , जिसमें आपने कोर्ट के निर्णयों और एक किताब के आधार पर तथ्यों को पेश किया है।
आपके वकील मयंक और श्रेय ने भी आपका शानदार समर्थन किया है और आपके पक्ष को कोर्ट में प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। उन्होंने आपके वीडियो को हटाने की मांग को खारिज करवाया है और आपको उसमें एक डिस्क्लेमर जोड़ने का अधिकार दिलाया है।
आप सभी को मेरी ओर से बहुत-बहुत शुभकामनाएं । आपका यह विजय न केवल आपके लिए, बल्कि सभी पत्रकारों और नागरिकों के लिए एक प्रेरणा है। आप ऐसे ही सत्य का साथ देते रहें और अपने कार्य में निरंतर सफलता पाएं।
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