Kuldeep Singh : डियर चन्दन जी, माना कि एक बार आपकी कॉलेज की फीस के. एम. (कृष्ण मोहन) ने दी थी, जिसका कर्ज आप उतारने की कोशिश कर रहे हैं और उतारना भी चाहिए, चाहे वो कर्ण (दुर्योधन) का ही क्यों न हो, आपके हर सवाल का जवाब मैं जितने महीन तरह से दे सकता हूं, उतना कोई नहीं… कृष्ण मोहन ने दूसरी औरत के चक्कर में पड़कर अपनी पत्नी किरण सिंह की पिटाई दो साल पहले की थी, जिससे दुखी होकर कुछ दिन के लिए वो मायके चली गई थी, उसके ब्रेस्ट में गांठ पड़ गई थी जिसका उसने कानपुर आकर होमियोपैथिक इलाज करवाया था.
इन्हीं दो महीने में कृष्ण मोहन की बहन बेबी उर्फ किरण-2 ने किरण-1 को कहा कि अब तुम मेरे भाई के घर में घुस नहीं सकती, क्योंकि तुमको तलाक का नोटिस भेजा जा चुका है. यह सुनकर किरण तुरंत लौट कर बनारस आई और एक प्रोफेसर के घर में अपने जाने-अनजाने कार्यों की माफी मांगती रही, गिड़गिड़ाती रही लेकिन पाषाण ह्रदय कृष्ण मोहन हँसता रहा और चुटकी लेता रहा. इस बात की गवाह बीएचयू का वो प्रोफेसर-एंड पत्नी मौजूद है, लेकिन वो किरण को कोर्ट में आने के लिए मजबूर करता रहा. दूसरे दिन उसने पुलिस की शरण ली. इंस्पेक्टर ऐ. के. सिंह के यहां लंका थाने में कृष्ण मोहन रात के 2 बजे अपनी पत्नी को छोड़ कर भागने लगे. किसी तरह वो अकेली कार में घुस गई तो कृष्ण मोहन उसको बीएचयू के हॉस्टल में छोड़ कर भागा.
किरण अगले दिन कुछ महिलाओं को लेकर धरने पर बैठ गई. शायद उसको घर में घुसने में सफल होने की उम्मीद थी. सारी रात ठण्ड में मोहल्ले की महिलाओं की मदद से दरवाजे के सामने गुजारी. अगले दिन सामाजिक दबाव से कृष्ण मोहन ने 15 हजार हर माह देने का वादा कर और तलाक में कोर्ट आने का वादा कर किरण को धरने से उठा दिए. अब किरण बनारस में हॉस्टल में रह कर कोर्ट की तारीखों पर जाना शुरू किया. उसने कृष्ण मोहन के किसी भी परिवार के खिलाफ कोई बयान नहीं दिए, बल्कि कहती रही की के .एम. को कुछ कनफ्यूजन है.
अब बात आती है तुम्हारे सारे स्टेटमेंट की…
1- आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि कृष्ण मोहन ने सिर्फ एक बार 15 हजार दिया था, इसके बाद 10 हजार. वो कहता रहा कि सामान ले जाओ तब दूंगा, सारे सर्टिफिकेट, कपड़े, ज्वेलरी. तब उसकी मक्कारी को भांपते हुए किरण ने मेनटेनेंस का मुकदमा एक साल बाद लगाया क्योंकि सारे प्रोफेसर की विनती को वो नकार चुका था. आप चाहें तो पासबुक की फोटो मैं आपको मेल कर सकता हूं.
२-जिस औरत के चक्कर में कृष्ण मोहन ने किरण की पिटाई की थी वो औरत अपने पति (अनिल यादव, पत्रकार, नवभारत टाइम्स, लखनऊ) को अलविदा कह कर सारे सामान और एक बच्चे के साथ कृष्ण मोहन के घर में आ कर रहने लगी. इसका उस परिवार के सब लोगों ने स्वागत किया. अब एक औरत जिसको विश्वास था कि एक दिन झूठ के बादल हटेंगे तब के. एम. उसको घर ले जाएगा, वो भ्रम टूट गया, फिर वो अपने और अपने बच्चे के भविष्य के लिए उस दूसरी औरत शिल्पी झा उर्फ शिल्पी यादव की खिलाफत करने घर में घुस गई. इसके बाद क्या हुआ, वह आप सब लोगों की जानकारी में है. उस दिन रात में शिल्पी कृष्ण मोहन के कमरे में पकड़ी गई.
३-तीसरा मुकदमा बिना तलाक के दूसरी औरत को घर में रखने पर अरेस्टिंग की होने वाली है.
४-अभी एक सच का खोला जाना बाकी है जिसको किरण खोलना नहीं चाहती थी, लेकिन मैं आपको हिंट्स दे दूं कि वो किरण/ दामनी का रोल ही था जिसमें घर के लोगों ने किरण को एक लापरवाह बहू के रूप में बार-बार सिद्ध करने की कोशिश की. एक झूठ जब 100 बार बोला जाय तो केएम ने सच मान लिया और घर वालों के कहने पर 18 साल सुखमय जीवन से तलाक ले लिए.
५-आपकी सिस्टर की भी शादी अभी कुछ माह पहले हुई है, भगवान से विनती करूँगा वो … ??????????
प्रो. कृष्ण मोहन सिंह उर्फ केएम की पत्नी रहीं किरण के भाई कुलदीप सिंह के फेसबुक वॉल से. इस स्टेटस के जरिए कुलदीप ने चंदन पाण्डेय के आलेख का जवाब दिया है. चंदन ने क्या लिखा था, उसे नीचे दिए गए शीर्षक पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं.
मीडिया के शिकार होते जा रहे डॉ. कृष्णमोहन के मामले का सच
इस प्रकरण पर कुछ अन्य पोस्ट…
ब्राह्मणवादी मर्द के लोकेशन से अपनी मूर्खता का विज्ञापन कर रहे हैं चंदन पांडेय
xxx
pushpranjan
July 31, 2014 at 11:49 am
खिलाफत नहीं, “मुखालिफत” !
पुष्परंजन