Shailesh Bharatwasi : आप कहते हैं कविता का बाज़ार नहीं है। देखिए यहाँ तो रु 500 से कम का कोई टिकट ही नहीं है। फिलिम से भी महँगा!!!
http://in.bookmyshow.com/events/kumar-vishwas-night/ET00024428
Vimal Chandra Pandey : कविता का बाज़ार नहीं है साहब, लाफ्टर का तो बहुत है… ये कविता पढ़ने नहीं जा रहे, स्टैंड अप कॉमेडी करने जा रहे हैं. अच्छी करते हैं…
हिंदयुग्म प्रकाशन के कर्ताधर्ता शैलेष भारतवासी और राइटर विमल चंद्र पांडेय के फेसबुक वॉल से.