मजीठिया वेज मामले में सबसे ज्यादा भास्कर प्रबंधन डरा हुआ लगता है। अपने कर्मचारियों से जबरन रिजाइन ले रहा है। प्रताड़ित करने संबंधी ऐसी बातें आये दिन सामने आ रही हैं। खुद को देश का नंबर वन अखबार बताने वाले दैनिक भास्कर समूह के महाराष्ट्र से निकलने वाले मराठी दैनिक अखबार दिव्य मराठी के बारे में एक पत्रकार साथी ने खबर भेजी है कि दिव्य मराठी की ओर से अपने संपादकीय विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों को डरा धमकार रिजाइन लिखवाया जा रहा है।
ऐसी खबरें सामने आ रही हैं कि दिव्य मराठी के आल एडिशन से पेजमेकर पद पर कार्यरत 30 लोगों को निकालने की तैयारी कर रहा है दिव्य मराठी प्रबंधन। इसके खिलाफ कोई आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर रहा है। इस खबर के अनुसार डिपार्मट हेड बिना कोई नोटिस दिए ही रिजाइन माँग रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि रिजाइन में यह लिखवाया जा रहा है कि आप अपने मर्जी से दे रहे हो रिजाइन और अपने परिवार की दिक्कत के वजह से खुद रिजाइन लिख रहे हो। ऐसा लिख कर रिजाइन देने के लिए फोन पर कर्मचारियों को बताया जा रहा है।
औरंगाबाद एडिशन में कार्यरत कुछ साथियों को भी ऐसा ही मैनेजमेंट की ओर से करने को कहा गया था। लेकिन इनके खिलाफ एकजुट हो कर इन कर्मचारियों ने अपना केस अदालत में दायर किया और इसी 4 जुलाई को औद्योगिक अदालत की ओर से इन कर्मचारियों को राहत मिली है। अदालत ने साफ़ संकेत दिया है कि इन कर्मचारियों को नियमित काम पर रखें। इस वजह से दिव्य मराठी प्रशासन को बड़ा झटका लगा और कर्मचारियों में ख़ुशी की लहर है।
एक साथी द्वारा भेजी गयी स्टे आर्डर की कंप्लीट कापी पढ़ने या डाउनलोड करने के लिए नीचे क्लिक करें… :
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
मुंबई
9322411335