वाह रे लखनऊ पुलिस! : जो लड़की को बचा रहा था उसे एएसपी पर फायरिंग का आरोपी बना दिया

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हमने हजरतगंज, लखनऊ में एएसपी दुर्गेश कुमार पर हुए कथित फायरिंग मामले में अपने स्तर पर जांच की. हमने आरोपी पुलकित के घर जाकर उसके पिता राम सुमिरन शुक्ला, माँ सावित्री शुक्ला, भाई पीयूष शुक्ला तथा अन्य परिचितों से मुलाकात की. इन लोगों ने बताया कि घटना प्रोवोग शॉप के पास हुई जिसमें परिचित लड़की को छेड़े जाते देख पुलकित और साथियों ने बीच-बचाव किया.

तभी पुलिस आ गयी और आपाधापी में बिना समझे पुलकित का एएसपी पर हाथ चल गया. फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया और थाने पर काफी मारा-पीटा गया. यह भी बताया कि गिरफ्तारी की सूचना अगले दिन 11.00 बजे दी गयी. उस रात भी वह लड़की थाना गयी थी पर पुलिस ने उसे भगा दिया था. उन्होंने कहा कि यदि प्रोवोग शॉप के पास के सीसीटीवी फुटेज ले लिए जाएँ तो पूरी बात खुदबखुद साफ़ हो जायेगी. पुलकित के पिता ने स्थानीय पुलिस पर कोई विश्वास नहीं रहने के कारण इसकी विवेचना सीबी-सीआईडी से करवाने की मांग की.

हमने एफआईआर तहरीर और गिरफ़्तारी प्रमाणपत्र देखा. इसमें फायरिंग का उल्लेख है जबकि ना कोई हथियार नहीं मिला और ना खोखा आदि. अतः हमने प्रमुख सचिव गृह और डीजीपी को पत्र लिख कर मामले की सीबी-सीआईडी जांच कराने और दस दिनों में मामले की प्रशासनिक जांच किसी सचिव स्तर के अधिकारी से कराने की मांग की है.

सेवा में,
पुलिस महानिदेशक,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ

विषय- थाना हजरतगंज पर एएसपी और पुलिस पर हुए कथित फायरिंग मामले में श्री पुलकित की गिरफ़्तारी विषयक

महोदय,

पिछले कुछ दिनों से थाना हजरतगंज, जनपद लखनऊ में 23/11/2014 एएसपी श्री दुर्गेश कुमार पर श्री पुलकित शुक्ला तथा तीन अन्य द्वारा फायरिंग करने की घटना के विषय में कई प्रकार की बातें लिखी जा रही थीं. हम अमिताभ और नूतन ठाकुर ने इस सम्बन्ध में दिन भर गहराई से मामले की अपने स्तर पर जांच की. हमने इसके लिए पुलकित के 5/25, 5ई, वृन्दावन कॉलोनी स्थित निवास स्थान भी गए जहां हमें उनके पिता श्री राम सुमिरन शुक्ला (फोन नंबर 098385-78971), माँ सुश्री सावित्री शुक्ला, भाई श्री पियूष शुक्ला (फोन नंबर 098391-30012), मामा बद्री प्रसाद शुक्ला पुत्र श्री महेश नारायण,  719, सीतापुर रोड महायोजना, निकट महादेव रोड, (फोन नंबर #098391-72505) तथा परिचित श्री ए के मिश्रा पुत्र श्री एस पी मिश्रा, 2ए/287, वृन्दावन कॉलोनी (फोन नंबर # 097951-67623 ), श्री आशुतोष ओझा पुत्र श्री गया प्रसाद ओझा, 5 ई, 3/24, वृन्दावन कॉलोनी तथा श्री राजेश कुमार पुत्र श्री दुर्गा प्रसाद, 5ई, 1/225, वृन्दावन कॉलोनी (फोन नंबर # 074088-10980) मिले.

इनमे श्री पुलकित के पिता श्री राम सुमिरन, भाई श्री पियूष, माँ सुश्री सावित्री श्री पुलकित से उनकी गिरफ़्तारी के बाद मिल चुके थे. उन्होंने हमें यह बताया कि श्री पुलकित का कहना है कि यह पूरी घटना हज़रातगंज से थोड़ी दूर पर स्थित Provogue शॉप के पास हुआ. घटना मूल रूप से यह हुई कि एक लड़की, जो उनकी परिचित थी, को कुछ अज्ञात लड़के छेड़ रहे थे, जिस पर इन लोगों ने बीच-बचाव किया जिसके बाद इनमे आपसी कहासुनी शुरू हो गयी. इतने में पुलिस आ गयी और उनमे एक ने श्री पुलकित पर हाथ चलाया. श्री पुलकित यह समझ नहीं पाए कि ऐसा किसने किया और उनका हाथ भी अकस्मात उठ गया. उसने कत्तई जानबूझ कर पुलिस पर हाथ नहीं उठाया था. जैसे ही उसे मालूम हुआ कि उन्होंने गलती से एएसपी साहब पर हाथ चला दिया है, वह एकदम से घबरा गया. फिर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसने यह भी बताया कि उसे थाने पर काफी मारा-पीटा गया. उसने यह भी कहा कि यदि Provogue शॉप के पास के सीसीटीवी कैमरों के फूटेज ले लिए जाएँ तो पूरी बात खुदबखुद साफ़ हो जायेगी.

श्री राम सुमिरन से बताया कि उन्हें अपने बेटे की गिरफ़्तारी की सूचना दिनांक 24/11/2014 को लगभग 11.00 बजे हजरतगंज थाने के किसी तिवारी जी ने उनके मोबाइल पर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि श्री पुलकित ने कहा कि उसे थाने में बहुत मारा गया. इन लोगों ने यह भी बताया कि उस रात भी वह लड़की स्वयं थाना हजरतगंज गयी थी पर पुलिस ने उसे थाने से भगा दिया था.

हमने इस सम्बन्ध में लड़की से भी उसके मोबाइल नंबर पर बात की और उससे मिलना चाहा पर लड़की ने शायद घबराहट के कारण हमसे मिलने में हिचक दिखाई. लेकिन हमें उस लड़की द्वारा प्रमुख सचिव गृह को दिया प्रार्थनापत्र मिला जिसमे उन्होंने दिनांक 23/11/2014  को शाम की पूरी घटना स्वयं बतायी. उसने बताया कि गिरफ्तार श्री पुलकित आदि उसकी मदद कर रहे थे, ना कि उससे छेड़छाड़. उसने यह भी लिखा है कि पुलिस के अफसर सादे में थे जिनसे श्री पुलकित से झड़प हो गयी. हमने कल हजरतगंज थाने पर आ कर बयान देने वाले श्री विशाल तिवारी से उनके फोन नंबर 097944-15703 पर कई बार फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

हमने गोपनीय स्तर पर इस मामले के जानकार कई लोगों से बात की. हमने इस मामले में पंजीकृत एफआईआर संख्या 592/2014 धारा 307/354/ख/354घ आईपीसी का तहरीर और गिरफ़्तारी प्रमाणपत्र देखा. इनके अनुसार दिनांक 23/11/2014 को समय 19.40 शाम गिरफ़्तारी हुई है. एफआईआर में फायरिंग का उल्लेख हुआ जबकि अन्य किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार के फायरिंग की कोई बात सामने नहीं आई है. गिरफ़्तारी के फर्द से भी स्पष्ट है कि गिरफ्तार व्यक्ति के पास से कोई हथियार नहीं मिला. यह भी स्पष्ट है कि हथियार के अलावा कोई खोखा आदि भी मौके पर नहीं मिला. गिरफ़्तारी के फर्द में मा० उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार तत्काल गिरफ़्तारी की सूचना परिजनों को देने की बात कही गयी.

श्री पुलकित के पिता श्री राम सुमिरन ने हमें लिखित रूप से एक प्रार्थनापत्र दे कर सभी बातें लिखते हुए बताया कि उन्हें अब स्थानीय पुलिस पर कोई विश्वास नहीं रह गया है और उन्होंने हमें मामले की विवेचना सीबी-सीआईडी से करवाने में मदद करने की प्रार्थना की. उपरोक्त के दृष्टिगत निम्न तथ्य आवश्यक प्रतीत होते हैं-

1. चूँकि मामला लखनऊ पुलिस के एएसपी से सम्बंधित है, अतः इसमें स्थानीय पुलिस की जगह निश्चित रूप से सीबी-सीआईडी से विवेचना कराया जाना प्राकृतिक न्याय की दृष्टि से अनिवार्य प्रतीत होता है

2. विवेचना तत्काल/अविलम्ब सीबी-सीआईडी को दिया जाना न्याय की दृष्टि से अपरिहार्य प्रतीत होता है

3. इस पूरे मामले की प्रशासनिक जांच दस दिन के निश्चित समयावधि में शासन के किसी प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के अधिकारी से अलग से करवाने की आवश्यकता प्रतीत होती है

अतः आपसे निवेदन है कि उपरोक्त बिंदु संख्या एक से तीन पर प्रस्तुत तीनों अनुरोधों को स्वीकार करते हुए तदनुसार आदेश निर्गत करने की कृपा करें

डॉ नूतन ठाकुर                          
अमिताभ ठाकुर
मोबाइल: 094155-34525 और 94155-34526
पता: 5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
प्रतिलिपि- पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश को कृपया आवश्यक कार्यवाही हेतु

 

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