हिंदुस्तान टाइम्स के गुड़गांव ब्यूरो में लंबे समय तक ब्यूरो चीफ रहे संजीव आहूजा की विदाई के क़रीब डेढ़ साल बाद फिर हड़कंप हैं। ब्यूरो में विवाद की शुरुआत महिला रिपोर्टर द्वारा मी टू के तहत अपने सीनियरों पर आरोप लगाने से हुई थी, लेकिन एक ऑडियो बाहर आने से पूरे मामले में नया मोड़ आ गया है।
पिछले साल हिंदुस्तान टाइम्स ने संजीव आहूजा को दिल्ली दफ्तर तबादला करके रशपाल सिंह भारद्वाज को ब्यूरो चीफ़ का काम सौंपा था। गुरुग्राम मीडिया जगत में यह चर्चा है कि तब से यह महिला पत्रकार रशपाल को किसी न किसी षड्यंत्र में फंसाने की कोशिश में है। हिंदुस्तान टाइम्स ग्रुप में यह चर्चा है कि इन मंसूबों में एचआर का एक उच्च अधिकारी भी साथ दे रहा है।
उधर ट्विटर पर रशपाल ने अपने पर लगे आरोपों को नकारते हुए एक ऑडियो क्लिप भी पोस्ट की है जिसमें महिला रिपोर्टर की गुरुग्राम के एक पत्रकार के साथ बातचीत है। बातचीत में रशपाल को साज़िशन फँसाने की तरफ़ इशारा किया गया है। ऑडियो में महिला पत्रकार कहती है “करती हूं, इसका काम तो मैं ही करूँगी”।
सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि इस ऑडियो क्लिप में महिला रिपोर्टर NBT ग्रुप के गुरुग्राम ब्यूरो में कार्यरत एक रिपोर्टर से बात कर रही हैं। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डेप्युटी ब्यूरो चीफ़ रशपाल सिंह भारद्वाज ने संपादकों से #MeToo के तहत उनके खिलाफ षड्यंत्र की शिकायत की तो उन्हें ही मनगढ़ंत आरोप लगा के नौकरी से निकालने की धमकी मिली। जांच नहीं होने और एक तरफ़ा कार्यवाही के विरोध में रशपाल ने प्रधान संपादक सुकुमार रंगनाथन, एचआर हेड शरद सक्सेना समेत अन्य अधिकारियों को नवंबर 6 को लीगल नोटिस भेजा है। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि झूठे आरोपों में उन्हें फँसाया जा रहा है।
गुरुग्राम ऑफ़िस में संपादक नहीं बैठते हैं इसलिए यहाँ के ऑफ़िस में दूसरे विभागों के बड़े अधिकारी एडिटोरियल में दखल देते हैं और कुछ रिपोर्टरों से अपने काम करवाते हैं। चर्चा है कि यह महिला पत्रकार इन अधिकारियों के तमाम ग़लत कामों पर पर्दा डलवाती रही है, इसलिए इसके खिलाफ कभी कार्यवाही नहीं होती।
हिंदुस्तान टाइम्स में सूत्रों ने बताया कि जिसके खिलाफ यह महिला शिकायत करती है उसे या तो पद से हटा दिया जाता है या संस्थान से निकाल दिया जाता। परंतु इस महिला के खिलाफ की गई शिकायतों का बहुत संज्ञान नहीं लिया जाता। इस पूरे प्रकरण से एचटी गुरुग्राम ऑफ़िस में बुरा माहौल है। इतना ही नहीं एक अन्य मामले में इसी ब्यूरो की एक महिला पत्रकार ने Islamophobia के आरोप लगाकर पूरी टीम को कठघरे में खड़ा कर दिया है। एचटी के ब्यूरो में मचे घमासान की ख़ूब चर्चा है।
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