उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने अपना दंगाई एजेंडा लागू करना शुरू कर दिया है. उसके इस काम में कुछ राष्ट्रीय और कुछ क्षेत्रीय चैनल इस हद तक सहयोग कर रहे हैं जैसे उनके मैनेजिंग एडिटर कोई और नहीं बल्कि खुद अमित शाह हों. कैराना को कश्मीर बताने दिखाने पर आमादा न्यूज चैनलों की हरकत से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बेहद नाराज दिखे. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान अपनी नाराजगी न छिपाते हुए प्रदेश में आग लगाने की फिराक में जुटे चैनलों का मुंह काला होने की बददुआ दे डाली. उन्होंने इन चैनलों को बेशर्म करार दिया.
ज्ञात हो कि जी न्यूज और समाचार प्लस सरीखे चैनल काफी समय से भारतीय जनता पार्टी के पिछलग्गू न्यूज चैनलों की तरह काम कर रहे हैं. इन चैनलों ने भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर उन राज्यों में जमकर आग लगाऊ दंगा भड़काऊ खबरें दिखाना शुरू कर दिया जहां गैर-भाजपा सरकारों का शासन है. उत्तर प्रदेश राजनीति के लिहाज से बेहद संवेदनशील और सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश है. यहां अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. भारतीय जनता पार्टी हर हाल में यहां सत्ता हथियाने की फिराक में है. लेकिन उसके पास कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि इस पार्टी की केंद्र सरकार महंगाई से लेकर काला धन और विकास समेत हर मोर्चे पर बुरी तरह पिट चुकी है.
ऐसे में भारतीय जनता पार्टी और उसकी केंद्र सरकार के पास यूपी में चुनाव जीतने के लिए अब वही पुराना घिसा पिटा राग रह गया है, दो धर्मों को लड़ाओ, दंगा भड़काओ, हिंदू वोट का ध्रुवीकरण कराओ और चुनाव जीत जाओ. इस एजेंडे को अमलीजामा पहनाने में कई न्यूज चैनलों को लगा दिया गया है. देखना है कि उत्तर प्रदेश में इन चैनलों की झूठी और भड़काऊ खबरों के खिलाफ अखिलेश सरकार एक्शन लेकर इन्हें सबक सिखाती है या फिर यूं ही भाजपा के एजेंडे को लागू करने के लिए बेलगाम छोड़ देती है. दंगाई मानसिकता के न्यूज चैनलों को सख्त नसीहत देने के अखिलेश यादव के वीडियो को सोशल मीडिया पर जमकर सराहना मिल रही है. अखिलेश के बेहद गुस्से वाले बयान से संबंधित वीडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :