पैसे की भूख प्रेस मालिकों को कितना अंधा बना देती है कि इसका नजारा नवभारत प्रेस रायगढ़ को देखकर लगाया जा सकता है। जिसने २४ जनवरी को १४ जनवरी का हूबहू पेज छाप दिया। और इस गलती का मुख्य कारण यहां के ब्यूरो चीफ नंदकुमार पटेल (नंदूपटेल) हैं। जिसने पैसों की बोली लगाकर यहां ब्यूरो चीफ जैसा उच्च पद प्राप्त किया। लेकिन उन्हें पत्रकारिता का प नहीं आता था। खबर लिखने नहीं आता, कौन सी खबर लीड होगी यह समझ नहीं है।पद पाने के लिए बिलासपुर जीएम सुजीत बोस ने एक लाख रुपए का अतिरिक्त घूस लिया है। चेक जमा कराया सो अलग।
आखिर लगती किसकी
गलती की बात करें तो बिलासपुर यूनिट में सुजीत बोस को जब से यूनिट हेड बनाया गया तब से गलती हो रही है। वह चुन-चुनकर ऐसे लोगों को ब्यूरो चीफ बनाता है जो हर माह उसे लिफाफा पहुंचाता रहे। अब रायगढ़ में नवभारत के इज्जत की बांट लग रही है। लोग इस पेपर को पसंद नहीं कर रहे है। एक साल पहले शहर में ३२०० पेपर बंटने वाला यह अखबार अब १८०० कापी में सिमट गया है। और इस पेपर के अधिकांश पाठक वरिष्ठ नागरिक है।
यूं तो रायगढ़ को नवभारत प्रेस अलग एडीशन बताता है जो पूर्णत: फर्जी है। यह पेपर रायगढ़ शहीद चौक से ना तो प्रकाशित होता ना ही इसके संपादक व मुद्रक एवं प्रकाशक रायगढ़ में बैठते फिर भी बताया जाता है कि रायगढ़ शहीद चौक से प्रकाशित। और घोषणा पत्र में संपादक व मुद्रक प्रकाशक का पता रायगढ़ शहीद चौक बताया जाता है। शुक्र है इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कोई कोर्ट नहीं जाता। नहीं तो लेने के देने पड़ जाए। पेपर में पत्रकारों की बात करें तो १० फेल व्यक्ति (संतोष मेहर) जो ठीक से किसी से बात नहीं कर पाता वह खुद को सिटी चीफ कहता है और दूसरा नंदू पटेल खुद को ब्यूरो चीफ कहता घूमता है। कहता है भैया ख्याल रखना मैं नवभारत का ब्यूरो चीफ बन गया हूं। हाय रे पत्रकारिता और हाय रे सुमित माहेश्वरी का प्रबंधन।
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Comments on “नवभारत रायगढ़ ने 24 जनवरी को छाप दिया 14 जनवरी का हूबहू पेज”
malik Sameer Maheshwari Ceo Manoj Trived sujit bose se Vasooli karwate hai.
जब सैय्या भए चोर तो चोरी करने में डर या शर्म की क्या बात हैँ