इस साल के साहित्य में नोबेल पुरस्कार की घोषणा हो गई है. स्वेतलाना एलेक्सियाविच को यह पुरस्कार महिलाओं के संघर्ष और साहस पर उनके लेखन के लिए दिया गया है. 67 साल की स्वेतलाना राजनीतिक लेखिका के रूप में जानी जाती हैं और पहली पत्रकार भी हैं जिन्हें इस पुरस्कार से नवाज़ा गया है. इससे पहले साहित्य का नोबेल पुरस्कार रुडयार्ड किपविंग, अर्नस्ट हेमिंगवे और पेट्रिक मोडियानो के दिया गया है.इस पुरस्कार के अंतर्गत उन्हें 80 लाख क्रोनर मिलेंगे.
स्वेतलाना एलेक्सियाविच का जन्म 31 मई 1948 में यूक्रेन के इवानो-फ्रेंकिविस्क में हुआ था. बाद में वे अपने परिवार के साथ बेलारूस चली गईं थीं. वे फ़िलहाल बेलारूस में ही रहती हैं. उनकी पहली पुस्तक थी द्वितीय विश्व युद्ध पर जिसका का नाम था ”द अनवोमनली फ़ेस ऑफ़ द वॉर’ (युद्ध का स्त्री विरोधी चेहरा). इसमें उन्होंने उन हज़ारों रूसी महिलाओं के संघर्ष और पीड़ा का ज़िक्र किया है जिन्होंने युद्ध में हिस्सा लिया. उन्होंने इस किताब के ज़रिए कहा है कि रूस की जीत का श्रेय उन महिलाओं को नहीं मिल पाया. उनकी लिखी कई बहुचर्चित पुस्तकों में एक है ”द चर्नोबिल प्रेयर- क्रोनिकल्स ऑफ़ द फ़्यूचर” (चर्नोबिल की प्रार्थना- भविष्य के लिए एक राह) में वे कहती हैं कि हम एक ऐसे दौर में प्रवेश कर चुके हैं जहां अनजान और नई आपदाओं से बच पाना मुश्किल है.