Sarjana Sharama : रवीश कुमार अच्छे पत्रकार है माना जा सकता है। लेकिन निरपेक्ष भाव से या बिना किसी का पक्ष लिए पत्रकारिता करते हैं ये नहीं माना जा सकता। उनकी अंतरआत्मा भी कुछ सिलेक्टिव मुद्दों पर जागती है। अब देखिए ना काला पर्दा दिखा कर वो इमंरजेंसी जैसा माहौल पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जिसको एक वर्ग हाथों हाथ ले रहा है।
लेकिन मेरा सवाल ये है कि अंतरआत्मा में डबल सिम लगा है क्या। जब उनके चैनल का नाम 2 G SPECTRUM में खूब उछला दलाली की ऑडियो टेप वायरल हुई। उनके चैनल की QUEEN किसी को मंत्री बनवाने की वकालत कर रही थीं और नीरा राडिया और यूपीए मंत्रियों से जोड़ तोड़ कर रही थी तब रवीश कुमार की आत्मा नहीं जागी थी? पत्रकारिता के मूल्यों का ऐसा पतन देख कर उन्हें ग्लानि नहीं हुई क्या? उन्होंने नौकरी से इस्तीफा क्यों नहीं दिया? कैसे देते लाखों रूपए महीना की नौकरी कैसे छोड़ी जा सकती है जब तक चैनल में है तब तक ही कथा बांच सकते हैं।
रवीश कुमार दोहरे मापदंड मत अपनाओ… नैतिकता और मुद्दों की बात करते हो तो हर मुद्दे को सही और गलत के तराजू पर तोलो। वैसे तुम्हें माफ भी किया जा सकता है क्योंकि मालिक तुम्हारा घनघोर वामपंथी है और जिसका नमक खाओगे उसका नमक का हक अदा करोगे. औऱ, कांग्रेस ने तुम्हारे भाई को बिहार विधानसभा में टिकट दिया था। चलो कोई बात नहीं, सब देख कर चलना पड़ता है। अपना नफा नुकसान पहले, बाकी सब बाद में। मौका अच्छा है। वाहवाही बटोर लो।
पत्रकार सर्जना शर्मा के फेसबुक वाल से.
dl sarma
February 21, 2016 at 3:10 pm
modi jee tisri bar gujrat jite , lekin result aane se pahle unki har ki bhabisyabani kar rahe the, loksabha aur bihar chunav result ke pratham rujahn ke dauran ravish ka munh sukh gaya tha.