Ish Madhu Talwar-
संजय बोहरा का इस तरह जाना बेहद दुःखी कर गया। आज सुबह इस बारे में जब व्हाट्सएप पर ओम थानवी जी का संदेश मिला तो सन्न रह गया। गहरा आघात सा लगा। एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ। कितना खराब वक़्त है यह!
संजय के पिता राजेन्द्र बोहरा हमारे प्रिय दोस्त थे, जो मेरे विवाह में शामिल होने उस समय अलवर आए थे, जब मेरा जयपुर में पदार्पण भी नहीं हुआ था। संजय को हमने छोटे से बड़े होते देखा है। उससे एक आत्मिक लगाव था।
मैंने कहानियां ही लिखी हैं और कभी कविता नहीं लिखी। पिछले दिनों जब मजदूर सड़कों पर चल रहे थे तो फेसबुक पर कुछ पंक्तियां लिखीं। संजय की इस पर नज़र पड़ी तो उनका फोन आया। बोला, मुझे आपकी यह कविता रिकॉर्ड करनी है।
वह घर आया और कविता रिकॉर्ड की। “स्वराज एक्सप्रेस” चैनल पर इसे टेलिकास्ट किया। यह कोरोनाकाल की कविता थी। और विडंबना देखिए, यह कोरोना ही संजय को हमसे छीन कर ले गया। अभी उम्र ही क्या थी उसकी!
जब इन दिनों लोग यह बात कर रहे हैं कि कोरोना अब जा रहा है, तब इस ख़बर ने भीतर तक हिला दिया है!
Urmilesh-
थोड़ी देर पहले, फेसबुक पर ही राजस्थान के सुप्रसिद्ध पत्रकार संजय बोहरा के निधन की सूचना पाकर स्तब्ध रह गया. सहसा विश्वास नहीं कर पा रहा था! जानकारी के लिए जयपुर स्थित अपने कुछ मित्र-पत्रकारों से फोन पर बातचीत की तो पता चला कि संजय जी कुछ दिनों पहले कोविड-19 से संक्रमित हो गये थे. इसी दौरान उनका सुगर-लेवल भी बढ़ गया. एक स्थानीय अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
संजय बोहरा से मेरा निजी सम्बन्ध या संपर्क ज्यादा नहीं था. एक या दो बार दिल्ली में ही कहीं किसी दफ़्तर या सार्वजनिक स्थल पर मुलाकात हुई होगी. लेकिन राजस्थान के किसी भी सामाजिक या राजनैतिक मामले को जानने-समझने के लिए जब कभी मैने उन्हें फोन किया, उन्होंने कभी निराश नहीं किया. अपनी समझ और सूचना के अनुसार उन्होंने हमेशा सह्रदयता से बातचीत की. उनके निधन की सूचना पाकर गहरा दुख हुआ।
दिवंगत को श्रद्धांजलि और परिवार के प्रति शोक संवेदना.
Kiran Narayan Moghe
March 3, 2021 at 10:45 am
संजय भाई का निधन निजी क्षति की तरह है. दैनिक भास्कर जयपुर की लांचिंग के बाद वे हमारी स्पोर्ट्स डेस्क के साथी. बेहद शांत व विनम्र संजय हमेशा याद रहेंगे.