गोरखपुर के भ्रष्टाचारियों की आंख की किरकिरी बने हुए बेबाक पत्रकार सत्येंद्र कुमार दो महीने बाद जेल से छूट गए. पुलिस ने साठ दिन में चार्जशीट दाखिल नहीं की इसलिए कोर्ट को जमानत देने के लिए मजबूर होना पड़ा. वैसे भी फर्जी आरोपों में गढ़े गए मामलों में इतना दम कहां होता कि वह देर तक टिक सके.
सत्येंद्र के लिए जेल नई बात नहीं है. पहले भी वे जेल जा चुके हैं. पहली जेल यात्रा उनके ससुराल वालों ने प्रेम विवाह करने के ‘जुर्म’ में साजिशन कराई थी.वो जेल यात्रा टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. उस जेल यात्रा से पहले वे मेडिकल फील्ड में कार्यरत थे. उस जेल यात्रा के बाद वे मीडिया में आ गए. अपने पर लगे झूठे आरोपों से लड़ने और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए. पर मीडिया में आकर सत्येंद्र को पता चला कि यहां तो हर तरफ भ्रष्टाचार है. कौन विभाग है जहां भ्रष्टाचार नहीं. उसके बाद वे एक एक कर कई खोजी खबरें सामने लाने लगे. इससे भ्रष्टाचारियों को सत्येंद्र चुभने लगे. हाल में ही उन्होंने गोरखपुर के ड्रग माफिया के खिलाफ स्टिंग किया था. इसी के बाद कुछ भ्रष्ट पुलिस वालों ने मिलकर उन्हें फर्जी मामलों में जेल भेज दिया. यही नहीं, पारिवारिक मुकदमों की गिनती कर पुलिस वालों ने सत्येंद्र को हिस्ट्रीशीटर तक घोषित कर दिया.
जेल से छूटे सत्येंद्र ने भड़ास4मीडिया से बातचीत में अपने इरादों और तेवर को स्पष्ट कर दिया. सुनें पूरी बातचीत-
Akash kumar
May 2, 2023 at 4:39 pm
ईंटेलिजेंस बिउऱो डिपाटमेंट के अआफिसर से कम नहीं आपकी योगयता