Shahnawaz Malik : अनिता शर्मा और प्रसाद के खिलाफ धारा 306 504 511 के तहत मामला दर्ज। रजत शर्मा की पत्नी को इस मुक़दमे से बाहर क्यूँ? पुलिस से यह सेटिंग क्यूँ की गयी? कब तक ताक़तवर रजत शर्मा और ये रसूख वाले कानून को अपने इशारे पर नचाते रहेंगे? कब तक खुर्शीद की बीवी रजत शर्मा के खिलाफ एक अदद मुक़दमे के लिए कोर्ट के चक्कर काटती रहेंगी?
कब तक कोर्ट उन्हें तारीख दर तारीख देती रहेगी? कब तक वसंत कुंज पुलिस खुर्शीद की फैमिली को यूँ ही टहलाती रहेगी? आखिर कब तक रजत शर्मा और अभिषेक उपाध्याय इसी तरह खुलकर घुमते हुए ख़ुदकुशी के लिए लोगों को उकसाते रहेंगे? यह मामले को दबाने का नहीं इनपर चढ़ाई करने का वक़्त है।
तेजपाल की बेटी ने अपने पिता के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला था और यहाँ तो पत्नी के गुनाहों में पत्रकार पति रजत शर्मा शरीक-ए-जुर्म पाए गए। अगर मैं शर्मा का वही क़ौल दुहरा दूँ कि हम इस मामले को अंजाम तक पहुंचाएंगे तो रजत शर्मा भीतर से भभक उठेंगे और अभिषेक उपाध्याय जैसे इनके गुर्गे अपन की सुपारी उठा लेंगे। इन तमाम आशंकाओं के बावजूद मैं कहूँगा कि इंडिया टीवी को उसके अंजाम तक पहुँचाया जाना चाहिए।
इंडिया टीवी के अभिषेक उपाध्याय मार्का पत्रकारों ने इस वक़्त अपनी छींक, खांसी, लू वगैरह रोक रखा है। पता नहीं इनका सरदार किस बात पर ख़फा होकर नौकरी से निकालने का फरमान सुना दे। खुर्शीद के हत्यारों को तहलका के पत्रकारों से सीखना चाहिए जिन्होंने विरोध में इस्तीफ़े दिए, खुलकर मालिक की आलोचना की और आज सर उठाकर शान से जी रहे हैं।
ज़रूरी नहीं कि जब कोई तनु शर्मा ख़ुदकुशी की कोशिश करे तभी आपको रजत शर्मा की गैंग और उसके गुर्गों का पता चले। तहलका प्रकरण महिला पत्रकरों के शोषण पहला या आखिरी मामला तो था नहीं। जिन्होंने तेजपाल के खिलाफ लिखा या बोला और आज खामोश हैं, दरअसल वो सभी रजत शर्मा और अभिषेक उपाध्याय हैं। रजत शर्मा एंड कंपनी को अब बख्तरबंद गाड़ियों में निकलना शुरू कर देना चाहिए। पत्रकारों पर जूते-चप्पल की बमवर्षा की संस्कृति अब शुरू होती है।
पत्रकार शाहनवाज मलिक के फेसबुक वॉल से.
मूल खबर….
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