विक्रम नारायण सिंह-
महान मोहम्मद शमी… नहीं महानतम मोहम्मद शमी. आज का मैच आसान नहीं था. न्यूजीलैंड इस टारगेट को भी छू लेता अगर भारत के पास मोहम्मद शमी नहीं होता. उनके पास सिर्फ मोहम्मद शमी के सीम और स्विंग का जवाब नहीं था.

शमी ज़ब दौड़ता है तो वह न शोयब अख्तर की तरह आक्रामक नजर आता है और न स्लेजिंग करता है जो तेज गेंदबाजों का दूसरा हथियार होता है. बॉल हाथ से छूटते तक शमी नॉन अग्रेसिव फ़ास्ट बॉलर लगता है लेकिन बॉल टप्पा खाते ही रॉकेट की तरह स्टंप पर आता है. शमी को विकेट मिल जाता है.
कमाल यह है कि शमी विकेट मिलने के बाद अधिक उतावला होकर जश्न भी नहीं मनाता बस राइट हैंड को ऊपर कर एम्पायर की तरह ऑउट का इशारा करता है. बल्कि उनके विकेट का सारा जश्न कोहली मनाता है, जोर से हवा में उछलकर चीखते हुए बल्लेबाज को घूरते हुए कोहली शमी को साथ देता है. विरले ही है ऐसा भद्र तेज गेंदबाज.
भारत आज अगर फाइनल पहुंचा है तो तमाम बल्लेबाजों से बड़ा हाथ शमी का है. कोहिनूर है भारत का मोहम्मद शमी।