अभी तक आदमी पुलिस के आंतक से परेशान सुना जाता था लेकिन अब पत्रकारों का आतंक भी जीने नहीं दे रहा है। ये हाल है रायबरेली के लालगंज तहसील और आसपास के गांव वालों का। दरअसल मानवेंद्र पांडेय नाम के एक शख्स ने किसी तरह से हिंदुस्तान और डीएलए नाम के पेपर की स्ट्रिंगरशिप ले ली। इसकी बाद से मानो वो अपने क्षेत्र का बेताज बादशाह हो गया है। किसी को भी सरेआम गाली देना, मुकदमे में फंसाने की धमकी देना, पुलिस से प्रशासन से बेइज्जती कराने की धमकी देना उसकी आदत हो गई है।
हाल ही में एक प्रॉपर्टी को गैर-कानूनी तरीके से खरीदने की कोशिश में उसके खिलाफ लालगंज कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज हो गया है। खास बात है कि हिंदुस्तान और डीएलए ने इस शख्स को रेलकोच फैक्टरी एरिया कवर करने के लिए तैनात किया है। जबकि रेल कोच फैक्टरी से मात्र 5 किमी दूरी पर लालगंज के लिए हिंदुस्तान ने अलग रिपोर्टर रखा हुआ है।
यही नहीं पत्रकारिता जैसे प्रतिष्ठित पेशे के लिए कलंक साबित हो रहे मानवेंद्र पांडेय नाम का ये शख्स जिले के ऐहार इंटर कॉलेज में माली की नौकरी करता है। लेकिन अब पहुंच की धौंस देकर उसने पूरे कॉलेज प्रबंधन को मुट्ठी में कर रखा है, जिसकी वजह से वो कॉलेज में कोई काम नहीं करता है। सवाल इस बात का नहीं है कि वो क्या करता है। सवाल सिर्फ इस बात पर है कि क्या हिंदुस्तान और डीएलए की पत्रकारिता का यही असली रूप है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित