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बिहार

पत्रकार सुनील सौरभ के कविता संग्रह ‘मैं सपने बुनता हूं’ का लोकार्पण सांसद आरके सिन्हा ने किया

पत्रकार सुनील सौरभ की प्रकाशित काव्य संग्रह ‘मैं सपने बुनता हूं’ का लोकार्पण सांसद (राज्य सभा) आरके सिन्हा ने बोधगया के होटल रॉयल रेजिडेन्सी में किया। सांसद ने कहा है कि हर व्यक्ति कविता की रचना नही कर सकता है, इसलिए महाकवि गोपाल दास नीरज ने कहा है कि मानव होना भाग्य की बात है, लेकिन कवि होना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि यथार्थ की भूमि और कल्पनाओं के आकाश में विचरण करते हुए कवि जो कुछ व्यक्त करता है, वह समाज व व्यक्ति के लिए आईना है। सुनील सौरभ की कविता संग्रह ‘‘मैं सपने बुनता हूँ‘‘ की सकारात्मक कविताएँ समाज व व्यक्ति को एक संदेश देती नजर आती है। मैं कवि के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामना देता हूँ।

<p>पत्रकार सुनील सौरभ की प्रकाशित काव्य संग्रह 'मैं सपने बुनता हूं' का लोकार्पण सांसद (राज्य सभा) आरके सिन्हा ने बोधगया के होटल रॉयल रेजिडेन्सी में किया। सांसद ने कहा है कि हर व्यक्ति कविता की रचना नही कर सकता है, इसलिए महाकवि गोपाल दास नीरज ने कहा है कि मानव होना भाग्य की बात है, लेकिन कवि होना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि यथार्थ की भूमि और कल्पनाओं के आकाश में विचरण करते हुए कवि जो कुछ व्यक्त करता है, वह समाज व व्यक्ति के लिए आईना है। सुनील सौरभ की कविता संग्रह ‘‘मैं सपने बुनता हूँ‘‘ की सकारात्मक कविताएँ समाज व व्यक्ति को एक संदेश देती नजर आती है। मैं कवि के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामना देता हूँ।</p>

पत्रकार सुनील सौरभ की प्रकाशित काव्य संग्रह ‘मैं सपने बुनता हूं’ का लोकार्पण सांसद (राज्य सभा) आरके सिन्हा ने बोधगया के होटल रॉयल रेजिडेन्सी में किया। सांसद ने कहा है कि हर व्यक्ति कविता की रचना नही कर सकता है, इसलिए महाकवि गोपाल दास नीरज ने कहा है कि मानव होना भाग्य की बात है, लेकिन कवि होना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि यथार्थ की भूमि और कल्पनाओं के आकाश में विचरण करते हुए कवि जो कुछ व्यक्त करता है, वह समाज व व्यक्ति के लिए आईना है। सुनील सौरभ की कविता संग्रह ‘‘मैं सपने बुनता हूँ‘‘ की सकारात्मक कविताएँ समाज व व्यक्ति को एक संदेश देती नजर आती है। मैं कवि के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामना देता हूँ।

सांसद ने कहा है कि गया की धरती साहित्यिक तौर पर सुसमृद्ध रही है। जानकी वल्लभ शास्त्री, पंडित मोहन लाल महतो वियोगी, हंस कुमार तिवारी, गुलाब खंडेलवाल आदि कवियों ने यहां की भूमि को सुसमृद्ध किया है। वर्तमान समय में गोवर्द्धन प्रसाद सदय इस धरा का मान बढ़ा रहे हैं। वैसे में गोवर्द्धन प्रसाद सदय एवं आचार्य विष्वनाथ सिंह को समर्पित यह काव्य संग्रह निष्चित तौर पर पठनीय एवं संग्रहणीय है।

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इस अवसर पर विदेशी मेहमान के साथ ही बोधगया मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य डा0 अरविन्द कुमार सिंह, डीपीएस के प्रो वाइस चेयरमैन संजीव कुमार, घराना ऐसोसियएट के संजय कुमार पप्पु, संजू श्रीवास्तव समेत अन्य प्रबुद्ध लोगो के अलावा बड़ी संख्या में पत्रकार-छायाकार, सहित्यकार मौजूद थे। ज्ञात हो कि इससे पूर्व सुनील सौरभ की दो पुस्तकें अतीत की पगडंडियो पर (कविता संग्रह) व मोक्षधाम गयाजी प्रकाशित हो चुकी है। तीन दशक से पत्रकारिता में सक्रिय सुनील सौरभ को पत्रकारिता के लिए मदुरैई तमिलनाडु में प्रसिद्ध गांधीवादी एस.एन.सुब्बा राव के हाथों माजा कोइन जर्नलिस्ट अवार्ड 2005 एवं बिहार के तत्कालीन राज्यपाल आर एल भाटिया के हाथों पत्रकार श्री सम्मान प्राप्त हो चुका है। इसके अलावा विभिन्न साहित्यिक एवं सामाजिक संगठनों से सम्मानित सौरभ वर्तमान में ‘चौथी दुनिया’ में कार्यरत हैं।   

गया से मुकेश प्रियदर्शन की रिपोर्ट. संपर्क: 09304632536 

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