देवरिया । अंगोला गणराज्य के लुआण्डा में स्थित एक कम्पनी में बीते 01 दिसम्बर 14 को काम करते हुए एक भारतीय कर्मचारी के दुघर्टना में जलने से हुई मौत के मामले में 16 लाख रूपए की मांग करने वाली विदेशी कम्पनी के दावों को खारिज करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय एवं वहां स्थित भारतीय दूतावास के प्रयास ने अपना असर दिखाया है और इथोपियन एयरलाईन से रविवार को मृतक का शव निःशुल्क दिल्ली एयर पोर्ट पर पहुंच सकता है। इसके लिए मृतक के परिजनों को किराए के रूप में कुछ भी खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।
इस बात की जानकारी देते हुए मृतक सूर्यदेव यादव के पुत्र जनार्दन यादव ने इस संवाददाता को दिल्ली से दूरभाष पर बताया कि वह करीब एक सप्ताह से ही दिल्ली में है तथा भारतीय विदेश मंत्रालय एवं अंगोला गणराज्य के लुआण्डा में स्थित भारतीय दूतावास के लगातार सम्पर्क में बना हुआ है। जनार्दन के मुताबिक भारतीय विदेश मंत्रालय के ज्वाईन्ट सेक्रेटरी संजीव कोहली के द्वारा लुआण्डा स्थित भारतीय दूतावास को इस सम्बन्ध में दिए सख्त निर्देश दिए जाने के बाद वहां पर स्थित सम्बन्धित कम्पनी “बेस्ट मेटल अंगोला“ उसके पिता का शव भारत भेजने के लिए राजी हो गयी है और उसके पिता का शव 19 जनवरी अर्थात सोमवार को इथोपियन एयर लाईन से दिल्ली के इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अडडे पर पहुॅच सकता है। इस बात की पुष्टि लुआण्डा में स्थित भारतीय दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी आर सी कौशल ने भी की है।
उल्लेखनीय है कि मृतक सूर्य देव यादव पुत्र राम वृ़क्ष यादव, ग्राम हरनही, थाना मदनपुर, जिला देवरिया (उत्तर प्रदेश) करीब सात़ वर्ष से “बेस्ट मेटल अंगोला“ लुआण्डा में गैस कटर के पद पर काम करते थे तथा पिछले वर्ष 26 नवम्बर को एक ड्रम में विस्फोट हो जाने से घायल हो जाने पर उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां 01 दिसम्बर को उनकी मौत हो गई थी।
इस मामले में कम्पनी के निदेशक द्वारा भारत शव न भेजना पड़े इसलिए कई तरह के बहाने किए गए। अन्ततः परिजनों के जिद करने पर शव को भारत न भेजना पड़े इसलिए कम्पनी ने मृतक के परिजनों से 16 लाख रूपए किराए के मद में मांगा था। जिसके बाद मृतक के परिजन परेशान हो गए थे। उक्त सम्बन्ध में मृतक की पत्नी सावित्री देवी एवं उनके पुत्र जनार्दन यादव ने भारत के राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री से लेकर विदेश मंत्रालय एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तथा स्थानीय सांसद तक हर जगह अपनी गरीबी का हवाला देते हुए निःशुल्क शव भारत भेजने अनुरोध किया था। यह खबर मीडिया में भी प्रमुखता से आई थी। भड़ास4 मीडिया डाट काम ने भी इस खबर को प्रमुखता से उठाया था।