Shyam Meera Singh-
मुझे विश्वास है सम्मानित आचार्य श्री रामदेव जी इन तीन रहस्यमयी हत्याओं की जाँच जरूर करवाएंगे
- 27 December 2004 के दिन रामदेव और बालकृष्ण के पुराने सहयोगी- Swami Yogananda की अज्ञात लोगों ने उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई. Swami Yogananda वही आदमी थे जिनके लाइसेंस पर साल 2003 तक Divya Yog Mandir Trust’s Divya Pharmacy चलाया गया. जोकि असल में श्रीमान रामदेव जी और बालकृष्ण जी ही चला रहे थे. इसके बाद किन्हीं कारणों से Swami Yogananda जी का लाइसेंस हटा दिया गया. और साल 2004 में किसी ने उनकी हत्या कर दी.
- जब रामदेव के पास रहने के लिए छत भी नहीं थी, तब रामदेव के गुरु- शंकरदेव के आश्रम पर रामदेव ने, साल 1995 में Divya Yog Mandir Trust की स्थापना की. जिसकी नींव पर आगे चलकर पतंजली का आर्थिक साम्राज्य खड़ा हुआ. वे गुरु शंकरदेव, 14 जुलाई 2007 के दिन, अचानक आश्रम से लापता हो गए. तब से आजतक रामदेव के गुरु का अता-पता नहीं है.
- रामदेव के परम सहयोगी- माननीय राजीव दीक्षित जी, जिनकी 30 November 2010 के दिन कथित तौर पर हार्ट अटैक से मौत होना बताई गई. लेकिन उनके समर्थक उसे रहस्यमयी मौत मानते हैं. चूँकि पोस्ट-मार्टम ही नहीं हुआ था इसलिए कुछ भी कह पाना मुश्किल है कि मौत हार्ट अटैक से हुई या उन्हें जहर देकर मारा गया.
ये तीनों सम्मानित बाबा रामदेव के सहयोगी थे, जिनके कारण आज बाबा रामदेव यहाँ तक पहुंचे. बाबा रामदेव आज इस स्थिति में हैं कि अपने इन परम सहयोगियों की मौत के पीछे के राज खुलवा सकते हैं.
मैं परम आदरणीय श्री रामदेव जी से रिक्वेस्ट करूँगा कि वे इन तीनों को न्याय दिलाने में मदद करें. आखिर पता चले कि Swami Yogananda, गुरु- शंकरदेव की हत्या के पीछे कौन लोग थे? जो आजतक खुले में घूम रहे हैं. और आदरणीय राजीव दीक्षित जी की मौत की असली सच्चाई क्या है. चूँकि रामदेव जी राजीव दीक्षित को भाई की तरह और गुरु शंकरदेव को पिता मानते थे, इसलिए मैं उम्मीद करता हूँ ये सिर्फ रामदेव जी ही हैं जो अपने इन परम सहयोगियों को न्याय दिला सकते हैं.