बिहार में इन दिनों अंग्रेजी अखबारों के विकेट बहुत तेजी से गिर रहे हैं। हिन्दुस्तान टाइम्स के पटना एडिशन के सोमवार से बंद होने की खबर के बाद अब खबर आ रही है कि यहां के एक और अंग्रेजी अखबार टेलीग्राफ का भी पटना एडिशन १३ दिसंबर से बंद होरहा है। टेलीग्राफ के पटना ब्यूरो के सभी कर्मचारियों को बुलाकर यह मौखिक सूचना दे दी गयी है।
सूत्रों के मुताबिक टेलीग्राफ पटना से ८ साल से ज्यादा समय से प्रकाशित हो रहा था और इसमें ब्यूरो चीफ सहित ७ लोग काम करते थे। सूत्रों के मुताबिक टेलीग्राफ में कार्यरत ज्यादातर कर्मचारी परमानेंट थे और उन्हें अब बता दिया गया है कि आपको नौकरी नहीं रह जायेगी। बदले में ६ माह की बेसिक सेलरी प्रदान की जायेगी।
टेलीग्राफ के पटना ब्यूरो में कार्यरत ब्यूरो चीफ और ६ रिपोर्टर्स को बुलाकर प्रबंधन ने कह दिया गया है कि १३ दिसंबर से टेलीग्राफ का पटना में प्रकाशन बंद किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो टेलीग्राफ का प्रकाशन हिन्दुस्तान टाइम्स के प्रिटिंग प्रेस में होता था। वहां भी प्रकाशन बंद होने की सूचना दे दी गयी है। एक सूत्र ने यह भी कहा है कि हो सकता है कि टेलीग्राफ प्रबंधन अपने ब्यूरो चीफ को न निकाले क्योंकि जल्द ही लोकसभा का चुनाव होने वाला है। मगर ब्यूरो के ६ रिपोर्टर्स को प्रबंधन ने फरमान सुना दिया है कि आप नयी नौकरी तलाश लें। लोगों का कहना है कि पूरी जिंदगी एक अखबार में खपा देने के बाद सिर्फ ६ माह की बेसिक सेलरी देकर विदा करना कहां तक न्यायसंगत है।
इस अखबार के एक वरिष्ठ कर्मचारी ने साफ साफ कहा कि यह सब मोदी जी की पॉलिसी है। आज पत्रकार सड़क पर आ गये हैं। सिर्फ ६ माह की बेसिक सेलरी से जिंदगी कैसे कटेगी, समझ में नहीं आ रहा है। बहरहाल अखबार मालिकों की इस चाल से देश भर के पत्रकारों में गुस्से का माहौल है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और मजीठिया क्रांतिकारी
९३२२४११३३५