Connect with us

Hi, what are you looking for?

वेब-सिनेमा

‘कश्मीर फ़ाइल्स’ से कई गुना ज़्यादा कमा गई ‘RRR’!

अमित चतुर्वेदी-

देश में आज की डेट में एक फ़िल्म की एवेरेज टिकिट की क़ीमत 150 रुपए है, यानि कोई फ़िल्म अगर 150 करोड़ का व्यापार करती है तो इसे थिएटर में 1 करोड़ लोगों ने देखा है, ये मानिए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

देश के प्रमुख प्रचारमंत्री के द्वारा प्रचार किए जाने के बावजूद, सारे अंध चमचों के द्वारा पूरी ताक़त लगाए जाने के बावजूद, टैक्स फ़्री किए जाने के बावजूद, कश्मीर फ़ाइल्ज़ का आज तक का कलेक्शन – 248 करोड़…

यानिकुल दर्शक जिन्होंने ये फ़िल्म थिएटर में जाकर दिल्ली उनकी संख्या, लगभग 1 करोड़ 65 लाख लोग…

Advertisement. Scroll to continue reading.

वहीं इसके बाद रिलीज़ हुई साउथ की फ़िल्म का टोटल बॉक्स ऑफ़िस कलेक्शन 969 करोड़, यानि कुल 6.50 करोड़ लोग ये फ़िल्म थिएटर में देख चुके हैं।

प्रचारमंत्री और उनके तमाम चेलों का प्रचार लगभग व्यर्थ ही गया मतलब।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अनिल पांडेय- इसका सीधा सा मतलब ऐ है कि लोगों ने मनोरंजन को ज्यादा महत्व दिया बजाय किसी एक वर्ग के साथ हुए अत्याचार के बारे में जानने के और इसकी कामयाबी 1000 करोड़ की कमाई करने वाली फिल्म से ज्यादा महत्व रखती है क्योंकि 1000 करोड़ की कमाई करने वाली फिल्म को मनोरंजन के लिए हर वर्ग ने देखा।। जबकि एक समाज से जुड़ी हकीकत घटना को देखने 20% वर्ग तो बिल्कुल ही नहीं गया।।फिर कांग्रेस।।सपा।।बसपा।।शिव सेना।। एनसीपी।।आप।। ऐसा कहें की पूरा विपक्ष जिसका वोट प्रतिशत 55 फीसदी था वो‌ पूरे समय विरोध में रहा और दुष्प्रचार करता रहा।।भाजपा का वोट प्रतिशत 37.36 प्रतिशत था ।। जो देश की आबादी के लगभग 43 करोड़ लोग होते हैं।। उनमें से लगभग दो करोड़ लोगों ने देखी।। ठीक है।।

Advertisement. Scroll to continue reading.
1 Comment

1 Comment

  1. विजय सिंह

    April 10, 2022 at 10:24 pm

    “कश्मीर फाइल्स” छोटे बजट ( लगभग 15 करोड़) में बनी अलग तरह की फिल्म है और उस अनुपात में फिल्म ने काफी अच्छा व्यापार किया है साथ ही गंभीर फिल्मों की श्रेणी के दर्शकों को आकर्षित करने में विवेक अग्निहोत्री सफल रहे. “आर आर आर” लगभग 550 करोड़ के बजट वाली पूर्णतः मनोरंजक फिल्म है, कई भाषाओं में बनी फिल्म का उसी अनुपात में बिजनेस करना स्वाभाविक है. मनोरंजक फिल्में निर्देशित करने के लिए मशहूर एस. एस. राजामौली की फिल्मों को दर्शक प्यार भी भरपूर देते हैं. सीखना तो मनोरंजक फिल्म निर्माताओं को राजामौली से चाहिए जो दर्शकों की नब्ज पहचान कर अपने दमदार निर्देशन से उन्हें सिनेमा हॉल तक खींच लाने में सफल रहते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement