अजमेर। मेरी दिल्ली में खूब पहचान है.. मैं कांग्रेस का टिकट दिलवा दूंगा! चुनावी सीजन में सत्ता के दलालों के ऐसे दावे करना बड़ी बात नहीं है लेकिन कोई ‘चीप’ रिपोर्टर ऐसा दावा कर टिकट चाहने वाले की जेब से मोटा माल निकलवा ले, यह बात जरूर चौंकाने वाली है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार अजमेर उत्तर से एक सिंधी पटाखा कारोबारी ने भी कांग्रेस के टिकट के लिए पूरा जोर लगाया था। वैसे यह कारोबारी किशनगढ़ में रहता है लेकिन अजमेर उत्तर में सिंधी वोट बैंक को देखते हुए यहां से टिकट की जुगाड़ लगाई। उसका खेवनहार बना एक बड़े अखबार का चीप रिपोर्टर।
रिपोर्टर ने कारोबारी को अपने चश्मे में उतारा और उसके फेवर में स्टोरी ब्रेक की -‘हासानी का नाम पैनल में नहीं भेजा’
खबर पढ़कर कांग्रेसियों के पेट में मरोड़ उठे कि कई बड़े नेताओं के नाम पैनल में नहीं भेजे गए थे, केवल हासानी का नाम ही क्यों उछाला जा रहा है?
खैर, इसके बाद चीप रिपोर्टर ने कारोबारी के साथ उसके ही पैसे पर दिल्ली की हवाई यात्रा की। दो दिन तक अपने साथ कारोबारी को दिल्ली दरबार की हवा खिलाकर लौटा। कारोबारी की जेब से कुछ धार्मिक और सामाजिक पुण्य कार्य भी कराए। कारोबारी ने दीवाली पर रिपोर्टर के घर पटाखों से भरे बड़े बॉक्स भी पहुंचाए ताकि वह दीपावली के साथ-साथ नए साल का जश्न भी मना सके। इसके बावजूद कारोबारी को कांग्रेस का टिकट नहीं मिला तो भांडा फूट गया।
उधर, प्रतिद्वंद्वी नेताओं को चीप रिपोर्टर की अतिसक्रियता अखर गई और पूरी जमात में बात फैल गई। किसी दिलजले ने अखबार के एमडी को भोपाल चिट्ठी कूरियर कर दी है।
बात चाहे टीचर्स ट्रांसफर में पैसे खाने की हो या ठेकेदारों से उगाही की। इससे पहले भी मैनेजमेंट को इस चीप रिपोर्टर की शिकायतें मिल चुकी थीं और उसके नट-बोल्ट टाइट भी किए जा चुके थे। अब ताजा फुलप्रूफ शिकायत ने मैनेजमेंट का पारा चढ़ा दिया है। माना जा रहा है कि अब मैनेजमेंट पटाखा फोड़ने की तैयारी में है।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.