यशवंत सिंह जी
संपादक, भड़ास4मीडिया
भड़ास को हम सब पत्रकार बहुत गंभीरता से लेते हैं… पर एक ऐसा विज्ञापन देखा कि आपको पत्र लिखने को मजबूर हुआ.. लिखने को तो दस पेज भी लिख सकता हूँ.. मगर आप बुद्धिजीवी हैं… इसलिए पूरा यकीन है कि कम लिखे को ज़्यादा ही समझेंगे… इस मेल के साथ में एक तस्वीर अटैच की है, उसे देखिए… इसमें जो ऑफर है, वो किसी भी नज़रिये से स्वस्थ नहीं कहा जा सकता… जुआ खेलने का ऑफर देकर रक़म जीतने की उम्मीद या लालच देता ये विज्ञापन भड़ास को शोभा नहीं देता… आशा करता हूं कि आप इस पर ध्यान देंगे.
धन्यवाद.
आसिफ खान
Asif Khan
आसिफ भाई,
आपने बिलकुल सही प्वाइंट की ओर ध्यान दिलाया है. हम भड़ास के लोग खुद भी दूसरे न्यूज पोर्टल्स के गंदे विज्ञापनों के खिलाफ छापते रहे हैं. ये जो विज्ञापन भड़ास पर चलते हैं, वह गूगल की तरफ से चलाए जाते हैं. गूगल बहुत ही सोच समझ कर विज्ञापन देता है. जब भी आप क्लिक करते हो तो गूगल नए किस्म का विज्ञापन दिखाता है. ज्यादातर विज्ञापन यूजर की पसंद या सर्च या रुझान के हिसाब से होते हैं. मान लीजिए आप अगर सर्वर तलाश रहे हों और इस बारे में गूगल या जीमेल पर सर्च कर रहे हों, मेल कर रहे हों, तो गूगल के पास फीडबैक पहुंच जाता है कि आप सर्वर की तलाश में है. आपको तब यह सर्वर के विज्ञापन ही दिखाएगा.
इसी तरह जो लोग सेक्स आदि ज्यादा सर्च करते हैं उन्हें गूगल सेक्स रिलेटेड विज्ञापन दिखाता है. मेरे कहने का आशय ये है कि आप को जो विज्ञापन दिखाया गया गूगल द्वारा, जरूरी नहीं कि वह दूसरों को भी दिखाया जा रहा हो. फिर भी, ये जुवे का विज्ञापन बिलकुल गलत है. इसके खिलाफ हम लोग गूगल को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति जताएंगे और ऐसे विज्ञापन न दिखाने को लेकर अनुरोध करेंगे. आपके लेटर को हम भड़ास पर प्रकाशित कर रहे हैं ताकि भड़ास अपनी खुद की आलोचना को भी सुन और छाप सके, साथ ही इसके जरिए हम खुद को सुधार सकें.
आभार
यशवंत सिंह
एडिटर
भड़ास4मीडिया