हिंदुस्तान अखबार से जिस कदर निर्ममता से पूरे देश भर से पत्रकारों को नौकरी से निकाला गया, वह अपने आप में एक मिसाल है. कहने को तो इस देश में लोकतंत्र है, नियम कानून का राज है लेकिन मीडिया हाउसों के मालिकों के चरणों में लोकतंत्र नतमस्तक दिखता है. इन्हें किसी का डर नहीं. न श्रम विभाग से, न कोर्ट से, न अफसर से, न मंत्री से, न अपने कर्मियों से. ये सबसे बड़े अलोकतांत्रिक और अमानवीय लोग हैं.
हिंदुस्तान अखबार से मीडियाकर्मियों को निकाले जाने के क्रम में सूचना है कि देहरादून संस्करण से भी कइयों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है.
बताया जा रहा है कि देहरादून हिंदुस्तान से कुल दस लोग निकाले गए हैं. इनमें तीन स्टाफर हैं और 7 स्टिंगर हैं.
सूत्रों के मुताबिक जिन स्टाफर्स को कार्यमुक्त किया गया है उनके नाम हैं- प्रदीप बहुगुणा, नरेंद्र शर्मा और चीफ फोटो जर्नलिस्ट प्रवीण डंडरियाल.
कार्यमुक्त किए गए स्टिंगर्स में कुणाल, रश्मि, संजय, अजय आदि हैं.
एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
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