Arun Maheshwari : यूपी के मुसलमान और ‘आज तक’… ‘आजतक’ चैनल की एक एंकर है अंजना कश्यप। हमेशा वीर रस वाले भाव बोध में रहने वाली -‘दुर्गा वाहिनी’ वालों का तेवर लिये हुए। आज वे यूपी की राजनीति में मुसलमानों के बारे में एक रिपोर्ट पेश कर रही थी। मुसलमान देश के अन्य सभी तबक़ों से कितने पिछड़ गये हैं, इसके तमाम आँकड़े रख रही थी।
जैसे प्रधानमंत्री मोदी यूपी वालों की चर्चा करते हैं तो उनमें एक अजीब सा हिक़ारत का भाव छा जाता है। आपको लगेगा कि जैसे यूपी के लोगों जितना अधम प्राणी इस धरती पर कोई नहीं है! ये गुंडे हैं, हत्यारें और बलात्कारी हैं। हर लिहाज से पिछड़े हुए- ख़ास तौर पर उनके गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान से तो बुरी तरह पिछड़े हुए! प्रधानमंत्री का यूपी के लोगों के साथ खेला जा रहा यह एक अनोखा मनोवैज्ञानिक खेल है। पहले आदमी को हीनता-ग्रंथी में डालो और फिर उस दबे हुए आदमी पर शासन करो।
‘आज तक’ चैनल पर अंजना जी का तेवर भी ऐसा ही था। इन्हीं अंजना जी को आप अक्सर मुस्लिम तुष्टीकरण के लिये सेकुलर पार्टियों को लताड़ते हुए देख सकते हैं। इसी से पता चलता है कि मुसलमानों की दुर्दशा से इनके मन में उनके प्रति कोई सहानुभूति पैदा नहीं होती है और न ही व्यवस्था के प्रति कोई ग़ुस्सा। इनका उद्देश्य सिर्फ मुसलमानों की छवि को बदतर दिखाने का होता है।
ईमानदारी का तक़ाज़ा तो यह है कि मुसलमानों की इस बुरी दशा को देख कर उन्हें मुस्लिम तुष्टीकरण की तरह की बात करने वालों को कठघरे में खड़ा करना चाहिए। माँग करनी चाहिए कि अल्प-संख्यकों के उत्थान की विशेष योजनाएँ बने। उन्हें सांप्रदायिक उपद्रवियों के खौफ से पूरी तरह मुक्त किया जाए। सांप्रदायिक ज़हर फैलाने वालों को दंडित किया जाए। लेकिन ये तो उल्टे ‘तुष्टीकरण’ का राग अलापने वालों की सेवा में लगी रहती है!
साहित्यकार अरुण माहेश्वरी की एफबी वॉल से. उपरोक्त पोस्ट पर आए कमेंट्स में से कुछ प्रमुख यूं हैं :
Uday Prakash किसी चेहरे पर जब ऐसी छपी हुई सतत हिक़ारत हो और आवाज़ के भीतर हर पल कौंधती आग, वह चेहरा किसी मनुष्य का तो लगता नहीं। स्त्री, पुरुष, हिंदू-मुसलमान, पत्रकार-पुलिस, संघी या कम्युनिस्ट, ब्राह्मण या दलित तो बहुत दूर की बात है।
Vasudev Sharma आपको हर ऐसे गैरे पर शब्दों की पूंजी नहीं लुटानी चाहिए. मीडिया में अंजना जैसों की बडी जमात है जिन्हें कुछ भी कहलवाने के लिए तैनात किया गया. अंजना के साथ एक और हैं श्वेताजी. कभी कभी इन दोनों में होड़ भी होती गिरने की
Ish Ish इन बिके हुए पत्रकारों का लगातार भंडाफोड़ करते रहने की जरूरत है.
Suresh Swapnil ‘ब्राह्मण की बेटी’ है, भाई जी। चैनल के मालिकान को भी आजकल अपनी ब्रह्म-ग्रंथि याद आने लगी है।
Vidya Sagar Singh पूण्य प्रसून वाजपेयी के बारे में क्या ख्याल है? आपलोग विरोधी बातो को क्यों नहीं स्वीकार कर पाते हैं। आपको क्यों लगता है कि सारे एंकर रवीश कुमार और वाजपेयी की भाषा बोलेंगे?
Arun Maheshwari नहीं। हर किसी को अपनी राय रखने का पूरा हक़ है। हमें भी हर किसी के बारे में अपनी राय बनाने का हक़ है।
Asghar Wajahat दरअसल इन लोगों का उद्देश्य समस्या का समाधान नहीं बल्कि लोगों को भड़का कर दंगा फसाद की स्थिति पैदा करना है यह समझते हैं की इनका भला उसी में है
Devendra Yadav चैनल की खासियत है कि वह प्रधान सेवक के खिलाफ बोल सुनना बर्दाश्त नहीं कर पाता. बोलने वाले के सामने से चोंगा तुरन्त हटा लिया जाता है.
Ajay Kumar यही नहीं और चैनल व पत्रकार हैं ज़िन्हें सुनकर ही लोग बता देते हैं कि ये राष्ट्रभक्ति का प्रमाणपत्र बांटने वाली पार्टी का विज्ञापन कर रहे है वही इन्हे लगता है कि आम जन मानस इनको बहुत बुद्धिमान समझ रहा है लेकिन इन्हे लोग सत्ता का एजेंट कहते है. इन लोगों ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को खोखला कर दिया है.
Subhas Chandra Ganguly कई चैनल सत्ता पक्ष का माउथपीस बन गया है। यह चैनल भी मैंने देखना बंद कर दिया है।
Obaid Nasir सर अजीब ज़माना है जो जितना बदतमीज़ वह उतना ही कामयाब
Kailash Manhar पतंजलि से प्रायोजित कार्यक्रम में यह सब करना जरूरी है
Omendra Jaipur आप चिंता ना करें ये हार रहे हैं, चोकीदार इसीलिए बोखला रहा है जी
Mahesh Saraswat संघी मानसिकता वाले चेनल्स के मुसंघी एंकर
Rajesh Kamaal मुस्लिमों का रोना रोने वालों ने कौनसा भला किया है.
Vaibhav Maheshwari बड़ी चिल्लाने वाली महिला है ये, पत्रकार की खाल में। मेरा 6 साल का बेटा एक दिन बोला कि प्लीज़ चैनल बदल दो, ये फालतू में चीखती बहुत है।
Subhash Singathiya Arun jee! Anjana jee ke baare mein aapkee raay bilkul durust hai jee, vaise bhee ye mahodaya pricharcha pesh karte samay anchor kam aur BJB kee pravakta jyada lagti hain jee. khair..
DrSushil Chaudhary सर आजकल उसे देखता ही नहीं हूँ । एक प्रोग्राम में जो नेता थे उसे बोल रही थी लोग भी क्या सोच रहे होंगे किस पागलों को देख रहा हूँ ।
Giriraj Kishore kal PM ki latad congress ke liye hi nahi thi, sab samajh len, dabang agaya hai, Anjnaj i samajhdar haun.
Arvind Varun मोदी सरकार इनके पति को क्रीम पोस्टिंग दे चुकी है।
Ashutosh Tripathi मै तो वीर रस वालों को देखता सुनता ही नही। वीर रस वाले मीडिया कर्मी न तो देश का भला कर रहे है और न अपने पेशे का।