Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

चैनल मालिक गिरफ्तारी प्रकरण : आरोपी थानेदार को बचाने और पत्रकारों को परेशान करने में जुटी बुलंदशहर पुलिस

यशवंत सिंह-

बुलंदशहर के अनूपशहर थाने में यहीं के थानेदार की मिली भगत से एक फर्जी एफआईआर लिखी गई. इसके कथित पीड़ित पात्रों ने बखूबी अभिनय करते हुए खुद को घायल के रूप में पेश किया. ये सब चैनल मालिक और उसके गैंग के लोगों ने एक बिजनेसमैन को फंसाने के लिए साजिशन किया था. इस साजिश में थानेदार और कुछ पुलिस वाले भी शामिल हुए. अच्छा खासा पैसा बंटा था इसलिए थाने के मालिक थानेदार साहब ही साजिश में शामिल हो गए.

Advertisement. Scroll to continue reading.

पर जब उपर से दबाव आया, जांच हुई, पोल खुली तो सब पर कार्रवाई होने लगी, सिवाय आरोपी थानेदार और आरोपी पुलिस वालों के. आरोपी थानेदार का नाम न एफआईआर में दर्ज है और न ही उसे एसओजी की टीम ने उठाकर पूछताछ की. हां, इस केस के नाम पर बुलंदशहर के पुलिस कप्तान जरूर कुछ निर्दोष पत्रकारों को एसओजी से उठवाकर गुडवर्क दिखाने की फिराक में पड़े हैं.

पुलिस कप्तान वो मजबूत कहलाता है जो बिना भेदभाव के सख्त फैसले ले. इंस्पेक्टर का नाम एफआईआर में डालने की हिम्मत नहीं होती और निर्दोष पत्रकारों को फौरन एसओजी से टंगवा लेते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

बताया जाता है कि दिल्ली के जिस बिजनेसमैन को फंसाने के लिए जनतंत्र चैनल के मालिक व उसके गैंग ने साजिश रची, उस बिजनेसमैन ने यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी को सेट किया. उसके बाद सीन ही बदल गया. बड़े पुलिस अधिकारी ने बुलंदशहर पुलिस को गरम किया. इसके बाद बुलंदशहर पुलिस लगी दौड़ने, टक बक टक बक, बिना योजना, बिना सोच के.

नतीजा हुआ कि दिल्ली छापा मारने पहुंची बुलंदशहर पुलिस ने न तो दिल्ली पुलिस को सूचना दी और न ही कानूनी-न्यायिक प्रक्रियाओं का पालन किया. जब खबर दिल्ली पुलिस कमिश्नर तक पहुंची तो उन्होंने बुलंदशहर पुलिस की क्लास ले ली.

Advertisement. Scroll to continue reading.

यहां तक कि बुलंदशहर पुलिस के खिलाफ एफआईआर करने की धमकी भी दे दी. बताया जाता है कि बुलंदशहर पुलिस ने चैनल मालिक को अरेस्ट करने के दौरान घर की महिलाओं वगैरह से काफी बदतमीजी की. इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस कमिश्नर तक पहुंची तो जांच के बाद बुलंदशहर पुलिस के अवैध घुसपैठ का पूरा मामला खुला.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर की धमकी से डरे बुलंदशहर के पुलिस अफसरों ने अपनी खाल बचाने के लिए निर्दोषों की बलि चढ़ा दी. छापा मारकर अरेस्ट करने गई अपनी ही पुलिस टीम के कुछ लोगों को ‘शहीद’ कर दिया. सस्पेंड हुए पुलिस वाले समझ ही नहीं पा रहे कि उनकी गल्ती क्या है. वे तो पुरस्कार की उम्मीद किए थे कि आदेश मिलते ही चैनल मालिक को फौरन अरेस्ट कर ले आए, सो अफसरों से वाहवाही मिलेगी. लेकिन इधर मिला सस्पेंसन.

Advertisement. Scroll to continue reading.

यूपी पुलिस के एडीजी लेवल के एक बडे़ अफसर के इंटरेस्ट लेने से यहां वहां कूदफांद कर रही बुलंदशहर पुलिस को सही मायने में आत्मचिंतन करने की जरूरत है.

इतना पाप माथे पर बटोकर कैसे चैन से जी पाएंगे अफसर महोदय लोग!

Advertisement. Scroll to continue reading.

सोचिए, इसी पुलिस के थानेदार ने कितनी गहरी साजिश के साथ मुकदमा लिखा. सवाल उठता है कि क्या ऐसे ही पुलिस वाले अपने संरक्षण में निर्दोष लोगों को इतने सालिड तरीके से फंसाते हैं कि जेल जाने पर जमानत न मिल पाए. ऐसे महाअपराधी थानेदार को नौकरी से बर्खास्त करते हुए सीधे जेल भेजने के बजाय बुलंदशहर के पुलिस कप्तान उसे आराम फरमाने का पूरा मौका दिए हुए हैं. न एफआईआर में नाम और न ही नौकरी से बर्खास्तगी की संस्तुति. केवल लाइन हाजिर.

जानने वाले जानते हैं कि लाइन हाजिर का क्या मतलब होता है. कुछ दिन बाद फिर थाना मिल जाएगा और वो अपराधी मानसिकता वाला थानेदार किसी पार्टी से पैसे मिलने पर फिर किसी निर्दोष को फंसाने की साजिश में जुट जाएगा.

Advertisement. Scroll to continue reading.

कप्तान साहब, न्यायप्रिय बनिए. गरीब पत्रकारों को उठवा कर गरिया कर पिटवा कर जेल भिजवा कर आप महान नहीं कहला पाएंगे.

ज्ञात हो कि कल बुलंदशहर पुलिस की एसओजी टीम ने नोएडा और गाजियाबाद के दो पत्रकारों को उठा लिया. उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया. इनका दोष बस ये था कि चैनल मालिक के गैंग से जुड़े पत्रकारों के ये परिचित थे और उनसे बातचीत करते थे, उनके कहने पर अनजाने में कुछ पैरवी वगैरह कर दी थी. पर उधर पुलिस अफसर तो सब कुछ जान बूझ कर आरोपी थानेदार को बचा रहे हैं. एक अपराधी को जान बूझ कर बचाना अपराध नहीं होता क्या?

Advertisement. Scroll to continue reading.

पर जिसकी देह में वर्दी, जिसके हाथ में डंडा, बस वही खुदा. साहब जो कहें वही सही! बस उन्हें जयहिंद कहें सैल्यूट मारे और फालो करें. सवाल न उठाएं.

सवाल तो ये भी उठता है कि एडीजी महोदय के इंट्रेस्ट लेने से पहले बुलंदशहर के पुलिस अफसर कहां सो रहे थे… उन तक भी तो पीड़ित व्यापारी पहुंचा होगा गुहार लगाने… तो क्या माना जाए कि थानेदार पैसे लेकर जो फर्जीवाड़ा करता था इसकी जानकारी काफी उपर तक थी, इसका हिस्सा काफी उपर तक जाता था? सवाल तो उठेंगे क्योंकि आप निर्दोषों को फंसाने में दिमाग लगा रहे हैं और अपने विभाग के नंबर एक आरोपी के बारे में बात ही नहीं कर रहे हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

हम मानते आपको बड़का कप्तान जब आप आरोपी थानेदार को सबसे पहले टांगते और जेल भेजते. ऐसा करके अपने विभाग के भ्रष्टाचारियों को आप सख्त मैसेज देते. लेकिन आपकी नीयत सही नहीं है. अपने विभाग के अपराधी को बचा रहे हैं. मीडिया वाले कई निर्दोषों को जबरन फंसाने की साजिश रच रहे हैं.

इसी दुनिया में इसी धरती पर सबका न्याय होता है कप्तान साहब. निर्दोषों की आह दूसरे तरीकों से श्रापित करती है. बददुवाएं कम लीजिए. असली अपराधी (नंबर दो) चैनल मालिक को तो जेल भेज दिया पर असली अपराधी (नंबर एक) आरोपी थानेदार को कब गिरफ्तार कर जेल भेजेंगे?

Advertisement. Scroll to continue reading.

शायद न भेज पाएंगे क्योंकि आपसे ये न हो पाएगा! अपने विभाग अपने खेमे के गलत लोगों को गलत कहने का साहस सबमें नहीं होता.

हां, खुद की पीठ थपथपाने के लिए, मीडिया वालों को डराने के लिए, स्थानीय मीडिया को अपना चापलूस बनाने के लिए आप निर्दोष पत्रकारों को जरूर फर्जी तरीके से अपराधी बनाकर जेल भिजवा देंगे, ये यकीन हो चला है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

संबंधित खबरें-

जनतंत्र टीवी का मालिक जेल भेजा गया, NDTV के पत्रकार समेत कई मीडियाकर्मियों को खोज रही है बुलंदशहर पुलिस

जनतंत्र चैनल के मालिक अमित वैद्य गिरफ़्तार

चैनल मालिक तो पूरा गैंग चलाता है, कारोबारी को फंसाने के लिए पत्रकारों-पुलिसवालों की टीम बनाई, सुनिए SSP की जुबानी पूरी कहानी

अमित वैद्य गिरफ्तारी प्रकरण : कुल छह लोग हैं आरोपी, देखें एफआईआर

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement