Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

‘ईटी नाऊ स्वदेश’ में कार्यरत पत्रकार दोनों टीके लेने के बावजूद हुआ कोरोनाग्रस्त, पढ़िए दास्तान

Abhishek Satya Vratam-

पता नहीं अब तक कैसे बचे रहे. आखिरकार कोरोना ने पकड़ ही लिया. पहले मैं और फिर पत्नी हम दोनों गिरफ्त में आ गए थे. पांच दिनों के संघर्ष के बाद आज जाकर ऐसा विश्वास हो रहा है कि अब हम ठीक हो जाएंगे. बुखार नहीं है अब. खांसी, बदन दर्द और गले में खराश है लेकिन पहले से काफी कम.

कमजोरी तो इतनी है कि क्या बताएं. पांच मिनट खड़े होने के बाद बैठने और पंद्रह मिनट बैठने के बाद लेटने की इच्छा होने लग रही है. यकीन नहीं होता कि एक हफ्ते से कम समय में शरीर इस कदर कमजोर हो सकता है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस दौरान कुछ करीबी यार-दोस्त लगातार संपर्क में रहे और हौसला एवं सलाह देते रहे. बिना पूछे खानपान से लेकर दवाओं तक के बारे में बताते रहे. ऐसे लोग ही जीवन के असल धरोहर हैं. शुक्रिया इनके लिए बहुत छोटा शब्द होगा. MBMC यानि लोकल म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन का विशेष आभार व्यक्त करना चाहूँगा जिन्होंने ना सिर्फ फालो-अप किया बल्कि उनके कर्मचारी दवाएं दरवाजे तक पहुंचाकर गए. हमारे पास बेसिक दवाएं पहले से थी लेकिन एक पत्रकार होने के नाते मैं देखना चाहता था कि सिस्टम काम कर रहा है या नहीं. वाकई दिल खुश हो गया इनकी अलर्टनेस देखकर.

कोरोना सिर्फ शरीर नहीं बल्कि मनोबल का भी क्षय करता है. जिस शहर में एकमात्र उद्देश्य दफ्तर का काम है वहाँ ऐसे बीमार होकर घर में और निरंतर डर में जीना बहुत पीड़ादायक है. फुली वैक्सीनेटेड होने के बावजूद कई बार मन में निगेटिव ख़याल भी आए लेकिन ये भरोसा बना रहा कि कुछ नहीं होगा.

Advertisement. Scroll to continue reading.

ईश्वर की कृपा से हम दोनों का ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे नहीं आया और बुखार 103 से ऊपर नहीं गया. वैसे ये वायरस काफी ढीठ है, इसमें कोई दो राय नहीं. पहले देखा सुना था अब महसूस भी कर लिया.

कल बनारस में छोटी बहन (बुआ की बेटी) की शादी थी. दो हफ्ते से हम दोनों तैयारियों और शॉपिंग में व्यस्त थे. खुशी इस बात की थी कि इसी बहाने माँ बाबूजी समेत सभी से एक जगह मुलाकात हो जाएगी. एक दिन की छुट्टी को लेकर दो महीने पहले सूचना दे दी थी. दफ्तर में भी सभी को पता हो गया था कि मैं 18 फरवरी को नहीं हूं लेकिन इस कमबख्त कोरोना ने सारा का सारा प्लान चौपट कर दिया. अब WhatsApp पर मिले फोटो देखकर अफसोस करना पड़ रहा है. अब जब ठीक हो रहा हूं तो बीमारी से ज्यादा दुख ट्रिप के कैंसिल होने का हो रहा है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

अभिषेक सत्य मित्रम ईटी नाऊ स्वदेश चैनल में डिप्टी न्यूज एडिटर पद पर हैं. वे इससे पहले जी बिजनेस, सीएनबीसी आवाज आदि चैनलों में कार्यरत थे. उनका लिखा फेसबुक से साभार लिया गया है.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement