~सिद्धार्थ ताबिश
बताईये.. ये हमारे केन्द्रीय मंत्री हैं..
ये बता रहे हैं कि “अग्निवीरों” को ड्राईवर, इलेक्ट्रीशियन, धोबी और नाई बनने की ट्रेनिंग दी जायेगी.. ताकि रिटायर होने के बाद वो ये सब काम कर सकें.
मतलब इन राष्ट्रवादियों को इतना समझ नहीं आ रहा है कि सैनिक होना कितना सम्माननीय काम समझा जाता है आम जनता की निगाह में और ये लोग ख़ुद “सैनिकों” के बलिदानों और वीरता को अपने चुनावों में भुनाते हैं.. इनके ऐसे ऐसे अचंभित बयानों को देखकर सच में अब समझ आ रहा है कि इनके राष्ट्रवाद का मतलब सिर्फ़ “सत्ता” पाना होता है बस
सरकार अपने ऐसे नमूनों पर रोक क्यूँ नहीं लगा रही है? विपक्ष को गाली देने से कुछ नहीं होगा.. सरकार को अपने ऐसे मंत्रियों पर लगाम लगानी चाहिए ताकि नौजवानों का क्रोध कम हो.. ये लोग रोज़ ऐसे बयान दे दे कर मामला और गंभीर करते जा रहे हैं
प्रमेन्द्र मोहन-
सरकारी खर्च से सैन्य प्रशिक्षित अग्निवीर मिलने से निजी क्षेत्रों में अभूतपूर्व उत्साह। अंबानी, अडानी से पहले अच्छी छवि के उद्यमी आनंद महिंद्रा के ऐलान करने से सकारात्मक संदेश। भाजपा दफ्तर की चौकीदारी के 24 घंटे के भीतर दूसरा आकर्षक आफर। अब बस सेना अधिकारी और संसदवीर आदर्श मिसाल पेश कर दें कि पेंशन नहीं लेंगे और दूसरे अफसरों, युवाओं को भी अवसर मिले इसलिए जल्दी रिटायरमेंट लेंगे तो फिर युवाओं में भी उत्सव का माहौल बन जाए।
शिव प्रसाद सती-
कैलाश विजयवर्गीय के बाद आनंद महिंद्रा का बयान भी आ गया है वह भी अग्निवीरों को सिक्योरिटी गार्ड में रखेंगे।दो दिन में दूसरा बयान आया है। आगे पता नहीं अब कौन कौन अग्निवीरों को नौकरी देगा।