श्याम मीरा सिंह-
यूक्रेन में फँसी रेनू कह रही हैं- Indian Airlines को शर्म आनी चाहिए कि ऐसे मुश्किल वक्त में भी पैसे कमाना चाहती है. 26 हज़ार रुपए की टिकट 80-80 हज़ार रुपए में दी जा रही है, इंडियन गवर्नमेंट का कोई रेस्पांस नहीं आ रहा है. Indian Embassy फ़ोन नहीं उठा रही है.”
सौमित्र रॉय-
देश की राष्ट्रीय विमान सेवा एयर इंडिया को बेच चुके मोदी सरकार ने ये एक कागज़ का पुलिंदा यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों पर फेंका है।
एयर इंडिया के विमान को यूक्रेन की हवाई सीमा से पहले लौटा दिया गया। यानी 18000 भारतीय छात्र आसमान से बरसते बमों के बीच खुद को आत्मनिर्भर होकर बचाएं।
या फिर कोविड काल के प्रवासी मजदूरों की तरह पैदल घर लौटें।
वाह मोदीजी। क्या जवाबदेही निभाई है।