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सुख-दुख

अभियुक्त अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर प्रार्थनापत्र देने के आदी हैं!

नूतन ठाकुर-

अपनी जाँच खुद, अपने लिए “महोदय” शब्द का प्रयोग, आरोप निराधार और आवेदक प्रार्थनापत्र देने के आदी!

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काश हर आरोपी का ऐसा ही सौभाग्य होता!

2 Comments

2 Comments

  1. Amit Sharma

    June 3, 2022 at 12:20 pm

    सभी जांच आख्याओं में शिकायतकर्ताओं को शिकायत करने का आदी बताया जाता है। इस प्रकार के पत्र पहले से ही लिखे रहते हैं बस नाम बदल जाते हैं।

    लोकतंत्र के स्थान पर प्रशासन तंत्र है देश में
    रस्सी को सांप और सांप को रस्सी बनते हुए देखा ही है

  2. Harishchandra Patel

    June 3, 2022 at 3:47 pm

    पुलिस हमेशा से नाजायज प्रभाव व प्रलोभन में अनुचित लाभ हेतु पद तथा प्रशासनिक संसाधनों का दुरुपयोग करती रही है। विधि विधान एवं नियमों के अनुरूप कार्य न करने की आदी हो गयी है और जांच सच्चाई का पता लगाने के लिए नहीं बल्कि सच्चाई को दफनाने के इरादे से करके पीड़ित को अभियुक्त व असली अपराधी को भगाने का काम करती है
    जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो कोई क्या कर सकता है।

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