Supriya Shrinate-
जब ED, CBI, Income Tax से काम नहीं चला तो आ गए उसी पुरानी लत पर — जासूसी!
बहुत फोनों पर Apple ने threat notification भेज कर कहा कि सरकार द्वारा प्रायोजित अटैक की आशंका है – मतलब phone को state sponsored attack के माध्यम से हैक करने की आशंका जतायी।
सरकार ने इससे पहले इनकार करते हुए Apple के वक्तव्य का हवाला दिया लेकिन वो Apple का वक्तव्य अगस्त 2023 का है जो उनकी website पर पहले से ही पड़ा हुआ है।
कमाल की बात है कि ऐसे message सिर्फ़ विपक्ष के ही नेताओं को आए।
2019 में भी Pegasus से जासूसी करते पकड़े गए थे और आज तक सरकार ने साफ़ तौर पर Pegasus से को जासूसी से इनकार नहीं किया है।
Apple के threat notification ने अभी पिछले महीने ही रुस में दो पत्रकारों की सरकार द्वारा उनके फ़ोन हैक होने और उनकी जासूसी होने के बारे में सही जानकारी दी थी।
Financial Times ने मार्च में खबर छापी थी कि भारत सरकार नेजासूसी का स्पाइवेयर ख़रीदने के लिए 133 करोड़ से लेकर 10,000 करोड़ तक के टेंडर निकाले हैं
तो सरकार इन सवालों का जवाब दे:
कैबिनेट सचिव के अन्तर्गत intelligence agencies आती हैं, वो इस बात की पुष्टि या इनकार करें कि क्या सरकार ने जासूसी स्पाइवेयर का इस्तेमाल विपक्षियों के ख़िलाफ़ किया है?
सरकार ने कौन सा जासूसी स्पाइवेयर ख़रीदा है?
अगर जासूसी स्पाइवेयर का इस्तेमाल हुआ है तो किस क़ानून के प्रावधान के अंतर्गत हुआ है?
सरकार Apple के अगस्त 2023 के वक्तव्य के पीछे क्यों चुप रही है?
सरकार इसकी जाँच का ठीकरा उनके सिर क्यों फोड़ रही है जिनके फ़ोन संभवतः हैक हुए हैं, जिनकी जासूसी करने की कोशिश हुई है?
लेकिन आप कुछ भी कर लीजिए आपकी जान जिस तोते में है उसकी गर्दन हमने जकड़ ली है और वो अब हम छोड़ेंगे नहीं…
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