राघवेंद्र शुक्ला-
अयोध्या। बदमाश पत्रकारों के चुंगल में फंसी एक ज्योति जायसवाल नामक इंटर्न पत्रकार द्वारा सरकारी डाक्टर का स्टिंग कर वसूली की मांग करने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर एमबीबीएस एमडी डा. इन्द्रभान विश्वकर्मा की डिग्रियों पर सवाल उठते ही मामले में एक के बाद एक परत खुलती नजर आ रही है।
जानकार लोग इंटर्न को अपराधी मानसिकता रखने वाले बदमाशों द्वारा इस्तेमाल किए जाने की बात कहते नजर आ रहे है। फ़िलहाल मामले में सीनियर पत्रकारों के हस्तक्षेप के बाद चिकित्सक द्वारा पुलिस से की गई शिकायत को टालते हुए वापिस ले लिया गया है।
गौरतलब हो इन दिनों प्रशासन की आंखों में धूल झोंक बहुरूपिया बदमाशों ने रामनगरी के हाईसिक्युरिटी जोन में डेरा डाल रखा है। संगीन मामलों में जेल से जमानत पे रिहा होने के बाद कई बदमाश अयोध्या में सफेदपोश पत्रकार बनने की फिराक में लगे है।
बहुरूपी बदमाश पत्रकारों ने बाकायदा यूट्यूब चैनल खोल अपना एक गैंग तैयार कर लिया है और उसमें भोले भाले युवक और युवतियों की भर्ती की जाती है। बदमाशों की करतूतों का आलम यह है उनके द्वारा आए दिन नए नए कारनामों को अंजाम दिया जा रहा है जिसके चलते ना कि सिर्फ अयोध्या की भोली-भाली जनता बल्कि प्रशासन भी लगातार गुमराह होता चला जा रहा है। बदमाश पत्रकारों के बदले चोले ने अयोध्या पुलिस को हैरान करके रख दिया है।
पुलिस अधिकारियों की रिपोर्ट में भी उपरोक्त प्रकरण के प्रकाश में आने की बात स्वीकारी गई है। इन जालसाज बहुरूपिया बदमाशों में सबसे बड़ा नाम आता है महेंद्र त्रिपाठी का जिसके विरुद्ध थाना कोतवाली अयोध्या थाना राम जन्मभूमि व कोतवाली नगर समेत अयोध्या के कई थानों में संगीन मामलों में करीब एक दर्जन मुकदमें पंजीकृत हैं।
पूर्व एसपी सिटी आरके सिंह के अनुसार महेंद्र त्रिपाठी पत्रकारिता की आड़ में भोली भाली लड़कियों को फंसा कर अनैतिक देह व्यापार को बढ़ावा देने का भी काम करता है। महेंद्र त्रिपाठी के चरित्र के बारे में आपराधिक मानसिकता के परिचय प्रतीत होने वाली बात आईपीएस अधिकारी पलाश बंसल ने भी आधिकारिक पत्राचार में स्वीकारी है।
बहुरूपिया बदमाशों की श्रेणी में दूसरा नाम अंशुमान तिवारी का है जोकि महेंद्र त्रिपाठी के घर के एकदम नजदीक रहता है। अंशुमान तिवारी मु0अ0सं0 681/2017 धारा 323,498a आईपीसी 3/4 द0प्र0अ0 व -मु0अ0सं0 212/2018 धारा 308,323,354(क) आईपीसी के मामले में कुछ माह पहले जेल से जमानत पर रिहा हुआ है। इनके पिता जय गोविंद तिवारी भी महेंद्र त्रिपाठी के साथ बम बाजी मामले में वांछित चल रहे है। बमबाजी के दौरान मौके से पकड़े गए अंतर्जनपदीय बदमाशों को अंशुमान के घर में ही आश्रय दिए जाने का आरोप है।
इतनी ही नही बदमाशों ने अपने आपको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बेहद करीबी होने की बात कहकर न जाने कितनी बार प्रशासन को गुमराह किया है। अब देखने वाली बात यह होगी इन रंगे सफेदपोश बदमाशों को क्या प्रशासन का ख़ुफ़िया तंत्र और पुलिस पहचान पाएगी या फिर हर दिन कोई न कोई ज्योति ज्वाला बन किसी डाक्टर आदि का शिकार करने निकलेगी।