जिला पत्रकार संघ,बेगूसराय (बिहार) के महासचिव सुधांशु पाठक उर्फ सुधांशु प्रकाश पाठक ने 23 लाख रूपए हड़पने के लिए टाउन थाना क्षेत्र के ज्वेलर रवि रौशन उफ रेडडू की हत्या करवाई थी। इसके लिए उसने सुपारी किलर हनी पासवान को हायर किया और ढाई लाख रूपए में हत्या करने का सुपारी दिया।
हनी पासवान ने 16 जनवरी को दिनदहाड़े व्यस्तम मुंगेरीगंज के सोनरपट्टी में रेडडी को उसके दुकान में ही गोली मार कर हत्या कर दी। एसपी योगेंद्र कुमार ने प्रेस वार्त्ता कर जानकारी दी कि रेडडी जमीन खरीद-बिक्री का धंधा भी करता था। उसने शहर की एक महंगी जमीन का महदा करवाया। लेकिन उक्त जमीन पर जो कब्जा था, उसे नहीं हटा पाया। इसके लिए उसने सुधांशु पाठक ने कब्जा हटाने के लिए चेक और आरटीजीएस के माध्यम से 23 लाख रूपया लिया। उसने रेडडी को बताया कि उसकी जिला प्रशासन के अफसरों से सांठ-गांठ है। वह कब्जा हटा देगा। लेकिन कब्जा नहीं हटा।
एसपी का कहना है कि पुलिस के पास सुधांशु पाठक के ख़िलाफ़ पर्याप्त एविडेंस है। इस मामले का स्पीडी ट्रायल चलाया जायेगा। कुछ अन्य पत्रकार भी इस मामले में संदिग्ध हैं।
सुधांशु पाठक के जेल जाने के बाद उसके समर्थक पत्रकारों में हड़कम्प मचा है कि अब किसकी बारी है। सूबे के डीजीपी से लेकर अन्य बड़े अफसरों के साथ फोटो खिंचवा कर आमलोग ही नहीं पुलिस अफसरों को ब्लैकमेल करने वाले सुधांशु पाठक पर हुई कार्रवाई के बाद ईमानदार पत्रकारों के बीच खुशी व्याप्त है।
साल 2016 में सुधांशु पाठक बेगूसराय के पत्रकारिता जगत में आया और अपने माया जाल में कुछ बेईमान चरित्र के पत्रकार को फंसाया। फिर नई चाल चलते हुए एक अलग से नया जिला पत्रकार संघ बना और खुद महासचिव बन गया। इसी की आड़ में वह पब्लिक और पुलिस अफसरों को ब्लैकमेल करने लगा।
एसपी ने कहा कि यह जिस अफसर से मिलता था, उस मुलाकात की पूरी विडियो बना लेता था। फिर इसी की आड़ में अपना गोटी लाल किया करता था। साल 2016-17 में एसपी रंजीत मिश्रा से बेहद नजदीकी सम्बंध के कारण चर्चा में आया। फिर उसकी जिला जज से नजदीकी बनी।
एक-दो साल के बाद बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से उसका खास रिश्ता बना। इसकी आड़ में उसने कई अपराध किया और पुलिस अफसरों ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की। उस पर कई संगीन मुकदमे भी हुए। लेकिन कोई कार्रवाई कभी नहीं हुई।