रवीश कुमार-
आज प्रधानमंत्री को अपनी सभा में इस पर बोलना चाहिए।

भास्कर की यह रिपोर्ट है। इस अख़बार के पास एक से एक शानदार रिपोर्टर हैं। उन्हें मौक़ा मिले तो टॉप क्लास रिपोर्टिंग कर सकते हैं।
इस तरह की खबरें ग़ायब हो गई है। ज़्यादातर अख़बार अब नहीं करते। न्यूज़ चैनल भी नहीं। कभी कभार तो छापते हैं लेकिन इस तरह इंवेस्टिगेशन की निरंतरता का प्रदर्शन भास्कर ही कर रहा है।