Connect with us

Hi, what are you looking for?

दिल्ली

बीजेपी नेताओं की केंद्रीय चिंता सिर्फ इतनी है कि केजरीवाल लाइम लाइट लूट ना ले जाये!

Rakesh Kayasth : ना जाने कितने अरसे बाद किसी अखबार में आठ कॉलम वाली ऐसी हेडिंग देखी है, जिसका सरोकार इस देश के नागरिकों से जुड़े किसी सवाल से हो। अगर आप सोच रहे हैं कि मीडिया को अपना काम याद आ रहा है तो यह ख्याल दिमाग से निकाल दीजिये।

तपता सूरज, बेरहम बरसात और जालिम हवा इन सब पर बात करने पर कोई नाराज़ नहीं होगा। भले ही पर्यावरण की कुंजी बहुत हद तक राजनीतिक और प्रशासनिक फैसलों में निहित होती हो लेकिन माना यही जाता है कि आबो-हवा एक ऐसी चीज़ है, जिसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं है।

दिल्ली वालों का दर्द कोई आठ कॉलम की हेडिंग बयाँ नहीं कर सकती है। यह हर खाँसते हुए आदमी के चेहरे पर पढ़ा जा सकता है। मैं दिल्ली में उस दौर से हूँ जब हज़ारों ब्लू लाइन बसें डीजल का काला धुँआ छोड़ती थी। लेकिन हालात तब भी उतने बुरे नहीं थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

काम के सिलसिले में आजकल दिल्ली में हूँ। यहाँ की हवा में साँस लेना लगभग नामुमकिन है। घर से निकलो तो लगता है, जैसे आँखों मे किसी ने तेजाब डाल दिया हो। चेहरे पर उस तरह के छाले पड़ गये हैं, जैसे सन या चिल बर्न में होते हैं। मैं अब दिल्ली में नहीं रहता हूँ इसलिए मुमकिन है मुझपर इस आब-ओ-हवा का मुझपर कुछ ज्यादा ही प्रतिकूल असर पड़ रहा हो लेकिन यहाँ के लोगों से बात करता हूँ तो लगता है कि हर किसी की जान साँसत में है।

पूरे मामले पर हो रही राजनीति भी मेरी समझ से परे है। केजरीवाल सरकार ऑड इवेन कर रही है। प्रिवेंटिव एक्शन किसी भी सरकार की जिम्मेदारी है। आम तौर पर नागरिक इस तरह के फैसलों के साथ होते हैं। नोटबंदी को भी देश के लोगों ने एक ऐसा ही एक्शन माना था और उसका समर्थन किया था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

क्या इवेन ऑड को लेकर भी इतनी ही संजीदगी है? बीजेपी के केंद्रीय मंत्रियों की केंद्रीय चिंता सिर्फ इतनी है कि केजरीवाल लाइम लाइट लूट ना ले जाये। इवेन ऑड के खिलाफ अनशन और धरने हो रहे हैं। इसे क्या कहा जाये? अगर बीजेपी के पास पर्यावरण को बेहतर बनाने का कोई वैकल्पिक फॉर्मूला है तो उसपर काम करे। क्या किसी ने ऐसा करने से रोका है?

दिल्ली में पर्यावरण का यह संकट कोई नया नहीं है। मौसम के साथ यह संकट भी कम हो जाएगा। उसके बाद कौन बात करता है। हिंदू- मुसलमान और पाकिस्तान जिंदाबाद थे, जिंदाबाद हैं और आगे भी रहेंगे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वरिष्ठ पत्रकार राकेश कायस्थ की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement