आदित्य पांडेय-
हुआ यूं कि लवण भास्कर ने अपने सारे कर्मचारियों को इस बार पांच पांच सौ रुपए कम डाले वेतन के। कर्मी हैरान कि न्यूनतम तय से भी कम देते हैं उसमें भी पहले ही छह अलग अलग कटौती कर ही लेते हैं। अब ये पांच सौ क्यों कटे?
बाद में सभी को पांच पांच सौ की चिल्लर दी गई। दरअसल यह कोई काला सफेद पैसा था जो इस तरह खपाया गया।
बाकी हर महीने की कटौतियों का भी जायजा लें तो भविष्य निधि में दो हिस्से होते हैं, एक कर्मचारी का और दूसरा मालिक का लेकिन जो अंश मालिकों को डालना चाहिए वह भी कर्मचारी के वेतन से ही काटा जाता है।
एक और कटौती होती है कि किसी कर्मचारी का निधन हो गया तो सबके वेतन से पैसा लेकर उतना ही पैसा मालिक मिला दें लेकिन यहां भी खेल होता है। कुल जमा पूरा ध्यान कर्मचारी को कम से कम पैसा देकर अधिक से अधिक जोतने का है।
तीन साल से कोरोना के नाम पर लोगों को निकाला और अब नया बहाना यूक्रेन युद्ध की वजह से कीमतें बढ़ने का भी है।
वैसे सुधीर बाबू ने अभी तो दूसरों को पत्र लिख कर महंगाई का रोना रोया है लेकिन उसका असली निशाना कर्मचारी ही हैं कि कोई पैसा बढ़ाने की बात तो ना ही करे।
One comment on “भास्कर में सेलरी से पाँच सौ रुपए काट कर इतने के चिल्लर पकड़ाए गए!”
जब तक देश में सरकारी विघापन बंद ऩही हाे़गें तब तक देश खुश ऩही हाेगा