यशवंत सिंह-
आज तेजस से लखनऊ रवाना होने से पहले मन थोड़ा डरा हुआ था। दहशत में था। कोरोना के ब्लू फ़िल्म वेरियेंट, माफ़ करियेगा, ब्वाय फ़्रेंड वेरियेंट, ओह फिर माफ़ करिएगा, बीएफ प्वाइंट सेवन वेरियेंट ने जो क़हर चीन में बरपाया है, उसके वीडियो, उसकी खबरें देख सिहरन पैदा हो गई। ऊपर से ये सूचना कि भारत में भी ये वेरियेंट आ चुका है और मौत शुरू हो गई है।
फ़ेसबुक पर डराने वाली पोस्टें दिखीं। पत्रकार नवीन रांगियाल लिखते हैं-
मास्क थोड़ा ऊपर चढ़ा लीजिए क्योंकि…. मास्क. सोशल डिस्टेंस. सैनेटाइजर. लक्षण. सर्दी. खांसी. बुखार. गले में खराश. स्वाद. गंध.जांच. पॉजिटिव. क्वारेंटाइन. आइसोलेशन. वायरस. वैरिएंट. न्यू वैरिएंट. विटामिन सी. जिंक. इम्यूनिटी. ऑक्सीजन. स्टीम. अस्पताल. एजिथ्रोमाइसिन. रेमडीसीवर. स्ट्राइड. ऑक्सीमीटर. लॉकडाउन. वैक्सीन. बूस्टर डोज. केस. एक्टिव केस. सैंपल. स्कैनिंग. डब्लूएचओ. एंटीबॉडी. लहर. दूसरी लहर. तीसरी लहर. मार्च. अप्रैल. मई. सांस. फेफड़े. डेडबॉडी. अंतिम संस्कार. बुकिंग. शमशान. कतार. ओवरफ्लो. वेटिंग. जीवन. मृत्यु. मृत्यु. जीवन. जीवन. मृत्यु. मृत्यु. जीवन…
नवीन के लिखे का असर ये हुआ कि ट्रेन यात्रा के लिए मास्क भी निकाल लिया। उधर मेडिकल फील्ड से जुड़े उद्यमी भाई धीरज फूलमती सिंह बूस्टर डोज़ लगाने का आह्वान करते दिखे…
इन सब चीजों ने मन में इतना नकारात्मक विचार भर दिया कि लगने लगा कि पिछली बार कोरोना लहर में बच गए थे, अबकी महामारी ने आग़ोश में लिया तो मुश्किल होगा बचना।
ग़ाज़ियाबाद स्टेशन से तेजस पर सवार होते ही सीट पर हिंदुस्तान अख़बार मिला। पहले पन्ने से लेकर बिज़नेस के पन्ने तक पर कोरोना (बीएफ) ब्वाय फ्रेंड / ब्लू फ़िल्म प्वाइंट सेवन वेरियेंट से होने वाली तबाही और आशंकित ख़तरों का लंबा चौड़ा ज़िक्र मिला।
आईआरसीटीसी की तरफ़ से मिले शाम के नाश्ते को निपटाते हुए अख़बार के जब पंद्रहवें पेज पर गया तो दिल खुश करने वाली खबरें मिलीं। आप ख़ुद पढ़ लीजिए-
जो गोल घेरे में है, उससे साफ़ ज़ाहिर है कि हम भारतीयों ने अपने जंगली स्वभाव के चलते अपने भीतर तगड़ा प्रतिरोध डेवलप कर लिया है। चीन वाले अकेले अकेले जिए, नियम क़ानून माने, सरकारों की सख़्ती से डरे, इसलिए उनके पास बस टीके का सहारा था जो अब समय बीतने के साथ प्रभावकारी नहीं रहा। भारत में मिक्स इम्यूनिटी डेवलप हुई है। सब लोग संक्रमित हुए। सबको टीके लगे। इस तरह सबके भीतर तगड़ा प्रतिरोध पॉवर विकसित है। चीन यहीं मात खा गया और झेल रहा है।
नवभारत टाइम्स की कुछ खबरें देखें-
इन सकारात्मक खबरों ने मेरे मन से भय दहशत नकारात्मक विचार बिल्कुल निकाल दिया। डरना नहीं है, बिना मरे ही मरना नहीं है, हाँ, हम सभी लोगों को एहतियात बरतने में कोताही बिल्कुल नहीं करने की ज़रूरत है, ये तय कर लेना है। मास्क, डिस्टेंस और साफ़-सफ़ाई का फार्मूला फिर से सबको लागू कर लेना चाहिए।