Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

बीएचयू के डाक्टर ने बोला मोदी सरकार पर हमला- ‘वेंटीलेटर-आक्सीजन नहीं, सरकार ने चुनाव और नेता खरीदे!’

Bhaskar Niyogi-

राईट टू हेल्थ के बिना जिंदगी सुरक्षित नहीं-डा. ओमशंकर

Advertisement. Scroll to continue reading.

बनारस। देश में अगर राईट टू हेल्थ (सबके लिए स्वास्थ्य का अधिकार) का कानून लागू होता तो कोरोना ने जितनी तबाही मचाई और जितनी जाने गयी उसे रोका जा सकता था लेकिन इसे दुर्भाग्य कहेंगे कि देश में स्वास्थ्य कोई मुद्दा है ही नहीं। कोरोना से पहले भी आम आदमी के स्वास्थ्य के मुद्दे पर सरकारें सो रही थी और अब भी सरकार सो रही है। जिस समय अस्पताल बनाने चाहिए थे दवाईंयां खरीदना चाहिए था उस समय मंदिर बना रहे थे राफेल खरीद रहे थे। कोरोना की पहली लहर के बाद भी सरकार सजग नहीं हुई जिसका परिणाम कोरोना की दूसरी लहर में होने वाली बेइंतहा मौतें है। बिना आक्सीजन के ही लोग तड़प-तड़प कर मरते रहे। जब वेंटिलेटर, आक्सीजन लोगो को सुरक्षित करने के लिए खरीदा जाना था तब सरकार चुनाव और नेता खरीद रही थी परिणाम की भयावहता को हम सबने देखा और भोगा।

डाक्टर ओम शंकर

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान स्थित सर सुन्दर लाल चिकित्सालय के हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर ओम शंकर बेहद संजीदा तरीके से देश के स्वास्थ्य व्यवस्था और कोरोना पर बातचीत करते हुए कहते है कि अगर स्वास्थ्य तंत्र में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया तो कोरोना ही क्यों आने वाले समय में किसी दूसरी बिमारी से इससे बड़ी तबाही ला सकती है। वो कहते है अगर अभी भी केन्द्र और राज्य सरकारें अपने बजट का 10 फिसदी हिस्सा स्वास्थ्य सेवाओं और उसके आधुनिकीकरण पर नहीं खर्च करते तो आने वाले समय में भी लोगो की जान जाती रहेगी।

वैक्सीनेशन को लेकर भी उनके सवालों को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। वैक्सीनेशन के परीक्षण (ट्रायल), साईड इफेक्ट, वैक्सीनेशन के बाद भी होने वाली मौतों पर भी वो सवाल उठाते हुए कहते हैं कि ट्रायल के परिणाम सार्वजनिक होने के साथ ही वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स और उससे होने वाली मौतों पर शोध की जरूरत है। वैक्सीन की कीमत को लेकर उनका कहना है एक ही वैक्सीन के अलग-अलग दाम पर कैसे बेचा जा सकता है? ये सीधे तौर पर संविधानक रूप से गलत है। वैक्सीन को राष्ट्रवाद के नजरिए से जोड़कर वो कहते है कि देश के लोगो को नजरंदाज कर वैक्सीन का निर्यात करना राष्ट्रवाद की श्रेणी में आता है या राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में?

Advertisement. Scroll to continue reading.

वो कहते है वैक्सीन से आप क्या रोकना चाहते है देश की आबादी 130 करोड़ है लोगो में हार्ड इम्यून को डेवलप करने के लिए कम से कम 60 फिसदी यानी 80 से 85 फिसदी लोगो का वैक्सीनेशन करना होगा जो फिलहाल संभव नहीं है। आप खुद समझ लीजिए कि कोरोना की पहली लहर के खत्म होने और दूसरी लहर के आने के दरमियान केवल 3% लोगो को ही वैक्सीन लगा इससे पहले कोरोना का संक्रमण ही लोगो में हार्ड इम्यूनिटी जेनरेट कर दे रहा है। नज़ीर पेश करते हुए वो कहते है कि पहली लहर के बाद जो इम्यूनिटी जेनरेट हुई लेकिन उसके बाद उसके बाद वायरस का नया वेरिएंट (स्वरूप) सामने आया जो पहले से कहीं ज्यादा खतरनाक तो था लेकिन कुंभ, चुनाव और नासमझ अधिकारियों (जैसा बीएचयू में हुआ) ने इसे और विकराल रुप दे दिया।

कोराना संक्रमण की गति के धीरे पड़ने पर वो कहते है कि यह किसी महारथी की देन नहीं एक समय बाद नेचुरल इन्फेक्शन नेचुरल हार्ड इम्यूनिटी के स्टेज में परिवर्तित हो जाता है साथ ही आगाह करते है कि आने वाले समय में कोई नया वेरिएंट आ जाए जो इससे भी खतरनाक और नुकसान पहुंचाने वाले हो सकता है इसलिए कोरोना पर जीत के दावे करने वाले महारथियों को समय रहते बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की तैयारी पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि आने वाले समय में लोगो को बचाया जा सके।

18-45 साल के लोगो के वैक्सीनेशन को देश के स्तंभ के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ मानते हुए कहते है जब आपके पास ट्रायल डाटा मोजूद नहीं है ऐसे में देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कोरोना के सामाजिक पक्ष वो कुछ यूं प्रतिक्रिया देते है ” कोरोना ने धर्म-मजहब पूछकर जान नहीं ली मरने वाले किसी एक धर्म विशेष के नहीं थे” कोरोना काल में ऐसे सैंकड़ों मिसाल देखने को मिले है जहा धर्म काम नहीं आया मानव धर्म और मानवीयता ही काम आयी हम सभी के लिए इस सच को समझना जरूरी है।

-भाष्कर गुहा नियोगी

Advertisement. Scroll to continue reading.

वाराणसी

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement