सलीम अख़्तर सिद्दीक़ी-
ई-स्कूटर बनाने की इतनी जल्दी थी कि वे अब चलते-फिरते बम में तब्दील हो गए हैं। लोगों के बेडरूम तक में उनकी बैटरियां फट रही हैं। लोग मर रहे हैं।
लगता है कंपनियों ने बिना ट्रायल के उन्हें बाजार में उतार दिया। लेकिन इस पर आपको गोदी मीडिया में कोई डिबेट नहीं दिखेगी। इसलिए नहीं दिखेगी कि वे कंपिनयां गोदी मीडिया को विज्ञापन देती हैं। ई-स्कूटर सोच-समझ कर ही खरीदें।