संजय कुमार सिंह-
एडिटर्स गिल्ड का मामला बहुत गंभीर है। संभव है कि मीडिया ने खबर इसलिए नहीं छापी हो कि एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकारों के मामले में कुछ नहीं किया। लेकिन एडिटर्स गिल्ड पर हमला पूरी मीडिया पर हमला है और अगर मीडिया बंटा हुआ है तो सरकार बांटने और राज करने में कामयाब है।
मुझे लगता है कि पत्रकार और एडिटर्स गिल्ड में फर्क है। पत्रकार व्यक्ति है, अपने संस्थान का प्रतिनिधि है पर एडिटर्स गिल्ड संस्था है जो मीडिया का प्रतिनिधि है। सरकार ने पूरी मीडिया से पंगा लिया है। स्मृति ईरानी ने स्ट्रिंगर (या रिपोर्टर) से पंगा लिया था क्योंकि वो मालिक को जानती थीं। मणिपुर की सरकार ने मीडिया से पंगा लिया है क्योंकि वह एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों को जानती है।
पूरे प्रकरण को जानने समझने के लिए इन खबरों को पढ़ें-