संजय कुमार सिंह-
संक्षेप में एडिटर्स गिल्ड का मामला यही लगता है कि मणिपुर के स्थानीय अखबारों ने अपने-अपने यहां ‘जागरण’ शुरू कर दिया था। एडिटर्स गिल्ड ने पोल खोल दी तो एफआईआर हो गई और तब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचना ही था।
अब मामला कोर्ट में है इसलिए जो आयेगा वहीं से आयेगा। भाई लोगों ने एडिटर्स गिल्ड के सदस्यों से बात की होती, खबर देने की इच्छाशक्ति होती तो सब पहले पता चल जाता। शायद बात कोर्ट तक नहीं पहुंचती। अब देर होगी और पूरी बात सार्वजनिक होने में समय लगेगा।
बुद्धिमानों का सेल्फ गोल समय पर लगता है।

जो लोग एडिटर्स गिल्ड का मामला समझना चाहते हैं। यहां नहीं पढ़ पायें तो शीर्षक गूगल कर लीजिये, पूरी खबर मिल जानी चाहिए।
ये है एडिटर्स गिल्ड की रिपोर्ट- https://editorsguild.in/wp-content/uploads/2023/09/EGI-report-on-Manipur.pdf
इसी मुद्दे पर ये वीडियो देखिए- https://www.youtube.com/live/sKVyNmMRg7Q?si=HCzcEqZHdf-3pRKE