उत्तर प्रदेश के हरदोई से खबर है कि एक पत्रकार छह वर्षों से सत्ता और शासन का उत्पीड़न झेल रहा है. सत्ता पक्ष के विधायक की शह पर चलने वाली अवैध गतिविधियों की ओर पत्रकार ने शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था. साथ ही इस संबंध में खबरें प्रकाशित की थीं. इसके बाद पत्रकार पर सत्ता पक्ष के विधायक ने गौकशों से प्राणघातक हमला करवाया. फिर भी कलम का तेवर कम न हुआ तो थाना पुलिस से पत्रकार के घर में घुसकर मारपीट और तोड़फोड़ की गई. इसके बाद फर्जी मनगढंत निराधार मुकदमा लिखवा कर जेल भेज दिया गया. पत्रकार निर्दोष होते हुए भी छह वर्ष से कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहा है.
भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके पत्रकार के परिजन उच्चाधिकारियों सहित मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, प्रधान न्यायाधीश से न्याय एवं इच्छा मृत्यु की गुहार लगा चुके हैं पर सुनवाई निष्प्रभावी रही. मामला जनपद हरदोई के कस्बा व थाना पाली का है. उक्त कस्बे के मोहल्ला बिरहाना निवासी शोभित मिश्रा पुत्र रामप्रकाश मिश्रा कानपुर से प्रकाशित हिन्दी दैनिक समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा में पाली से समाचार संकलन एवं प्रेषण का कार्य करते हैं. वर्ष 2011 में तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी बसपा के शाहाबाद विधानसभा से विधायक आसिफ खां “बब्बू” की शह पर थाना पुलिस के संरक्षण में हो रहे अनैतिक, गैरकानूनी कार्य सट्टा, स्मैक, गौकशी, अवैध कटान आदि से संबंधित खबरें उक्त पत्रकार ने अपने प्रतिष्ठित समाचार पत्र में प्रकाशित करवाई.
इससे खिन्न होकर उक्त विधायक ने पत्रकार शोभित मिश्रा पर 05 अप्रैल 2011 को गौकशों द्वारा प्राणघातक हमला करवाया. इसमें शोभित मिश्रा को गंभीर चोटें आयीं. काफी जद्दोजहद के बाद हमलावर गौकशों के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या 85 / 2011 धारा 394 दर्ज किया गया. विधायक के दखल से मामूली धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया. हमले के बाद भी शोभित मिश्रा ने पूर्व की भांति विधायक की शह पर हो रहे गोरखधंधों की ओर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए खबरें लिखते प्रकाशित करते रहे.
31 जुलाई 2011 को उक्त विधायक के इशारे पर पाली थाना पुलिसकर्मी शोभित मिश्रा के घर में घुस आये और पत्रकार शोभित मिश्रा को बेरहमी से मारने पीटने लगे. परिजनों द्वारा बचाने पर उन्हें भी मारापीटा व घरेलू सामान की तोडफोड की. शोभित मिश्रा को ले जाकर थाने के लाकप में बंद कर दिया. तत्पश्चात 01 अगस्त 2011 को शोभित मिश्रा व भाई बब्बन मिश्रा के विरुद्ध फर्जी, मनगढंत, निराधार मुकदमा ( मु० अ० सं० 258 / 2011 ) धारा 332, 353, 504, 506 ipc, 7 criminal law amendment act दर्ज कर शोभित मिश्रा को जेल भेज दिया.
बब्बन मिश्रा ने उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी संबंधी स्थगन आदेश करा लिया. शोभित मिश्रा व उसका भाई निर्दोष होते हुए भी छह वर्ष से कोर्ट कचहरी के चक्कर लगा रहे हैं. मुफलिसी में जी रहे पत्रकार के परिजन जिलाधिकारी हरदोई, मंडल आयुक्त लखनऊ, मुख्यमंत्री उप्र, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, प्रधान न्यायाधीश से न्याय एवं इच्छा मृत्यु की गुहार लगा चुके हैं पर सुनवाई निष्प्रभावी रही. जनहित में कार्य करने पर पत्रकार को फर्जी मुकदमे की सौगात मिली. पंगु हो चुकी व्यवस्था के कारण पीडित पत्रकार को न्याय नहीं मिल पा रहा है.
Shobhit mishra
September 18, 2017 at 3:43 pm
धन्यवाद यशवंत जी ।