आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने ग्राम निठौरा, थाना-लोनी गाजियाबाद निवासी ओमप्रकाश के भाई मनोज की 2006 में हुई हत्या में सीजेएम गाजियाबाद के बार-बार निर्देशों के बाद भी अभियुक्तों की गिरफ़्तारी नहीं होने के सम्बन्ध में डीजीपी यूपी को पत्र लिख कर कार्यवाही की मांग की है. श्री ठाकुर ने कहा है कि हाल में 15 अक्टूबर 2014 को लोनी थाने के उपनिरीक्षक प्रीतम सिंह ने ग्राम प्रधान फतियाबाद, निठौरा की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि अभियुक्तगण अब गांव में नहीं रह रहे हैं ग्राम प्रधान सत्तो देवी बैसोया ने अपने पत्र दिनांक 25 नवम्बर में साफ़ कहा है कि किसी ने उनके फर्जी हस्ताक्षर और मुहर लगा कर यह फर्जी प्रमाणपत्र दाखिल करवाया है.
उन्होंने पूर्व सपा जिलाध्यक्ष ईश्वर मावी के फेसबुक अकाउंट पर 07 जनवरी 2015 को लगे कुछ फोटो और कमेंट को भी प्रस्तुत किया है जिसमें बंथला चिरोडी रोड पर एक शोरूमं के उद्घाटन के समय उनके साथ “सपा नेता और पूर्व ब्लाक प्रमुख” चौधरी राजेंद्र और “आईसीडी के डायरेक्टर” चाहतराम नेताजी भी उपस्थित हैं, जो इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी बताये जाते हैं. इनके आधार पर श्री ठाकुर ने इस मामले की जांच करा कर अभियुक्तों को गिरफ्तार कराने और फर्जी रिपोर्ट देने के सम्बन्ध में उत्तरदायित्व निर्धारित करने का अनुरोध किया है.
सेवा में,
पुलिस महानिदेशक,
उत्तर प्रदेश,
लखनऊ
विषय- मा0 न्यायालय द्वारा फरार घोषित थाना लोनी, जनपद गाजियाबाद के वांछित अभियुक्तों की पुलिस कर्मियों द्वारा की जा रही कथित मदद विषयक
महोदय,
कृपया निवेदन है कि श्री ओमप्रकाश पुत्र महिपाल निवासी-ग्राम-निठौरा, थाना-लोनी जनपद गाजियाबाद ने मुझे एक अनुरोध पत्र तथा कुछ महत्वपूर्ण अभिलेख प्रेषित करते हुए मुझसे इस प्रकरण में उनका सहयोग करने की प्रार्थना की है.
श्री ओमप्रकाश द्वारा प्रस्तुत तथ्यों के अनुसार वर्ष 2006 में उनके भाई स्व० मनोज को घर से बुलाकर ग्राम-निठौरा के रहने वाले चर्चित व क्षेत्र के दबंग बदमाशों रघुराज पुत्र श्यामलाल, चाहत पुत्र रतिया, राजेन्द्र पुत्र श्यामलाल, बिजेन्द्र पुत्र ननुआ ने मिलकर सरेआम गोली मारकर उन की नृशंस हत्या कर दी थी जिसके सम्बन्ध में श्री ओमप्रकाश ने थाना लोनी पर मु०अ०स०-1118ए/2006 धारा-302 आईपीसी पंजीकृत करवाया था.
श्री ओमप्रकाश का कथन है कि थाना-लोनी, जनपद गाजियाबाद की पुलिस उपरोक्त अभियुक्तों को पूरी तरह बचा रही है और उन्हें जानबूझ कर गिरफ्तार नहीं कर रही है जबकि ये तमाम अभियुक्त खुलेआम घूम रहे हैं. उनके अनुसार मा0 न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गाजियाबाद ने एक से अधिक बार इन अभियुक्तगण की गिरफ़्तारी के आदेश निर्गत किये पर स्थानीय पुलिस मा० न्यायालय के समक्ष फर्जी रिपोर्ट के माध्यम से गलत तथ्य प्रस्तुत कर रही है.
श्री ओमप्रकाश ने इसके लिए उपनिरीक्षक श्री प्रीतम सिंह द्वारा दिनांक 15/10/2014 को मा० न्यायालय में ग्राम प्रधान फतियाबाद, निठौरा, गाजियाबाद के हवाले से एक कथित रिपोर्ट का उल्लेख किया है जिसके अनुसार ग्राम प्रधान ने बताया है कि उपरोक्त अभियुक्तगण अब गांव में नहीं रह रहे हैं. श्री ओमप्रकाश का कहना है कि उपनिरीक्षक श्री प्रीतम सिंह की यह रिपोर्ट फर्जी है क्योंकि संबंधित ग्राम प्रधान ने स्वयं यह बात लिख कर दिया है कि उन्होंने कभी ऐसी बात श्री प्रीतम सिंह को नहीं कही थी.
श्री ओमप्रकाश का कहना है कि उपरोक्त रिपोर्ट स्पष्ट कर देती है कि प्रकरण में पुलिस किस हद तक अपराधियों से मिली हुई है, और आज भी उपरोक्त अभियुक्तगणों द्वारा खुलेआम गाँव में ही निवास किया जा रहा है एवं अभियुक्तगणों द्वारा वादी व गवाह को लगातार जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.
मुझे उपलब्ध कराये गए अभिलेखों से स्पष्ट है कि उक्त प्रकरण में श्री ओमप्रकाश ने दिनांक 18/11/2006 को मु०अ०स० 1118/2006 धारा 302 आईपीसी बनाम उपरोक्त अभियुक्त दर्ज कराया जिसे स्थानीय पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट संख्या 174/2006 द्वारा तत्काल ही खारिज करते हुए मामले को समाप्त करने की रिपोर्ट मा० न्यायालय में दी. मा० न्यायालय ने इस अंतिम रिपोर्ट को रोक कर अग्रेतर विवेचना के आदेश दिए जिसका मा० जिला एवं सत्र न्यायालय में फौजदारी निगरानी संख्या 218/2010 सरकार बनाम ओमप्रकाश के माध्यम से विरोध किया गया पर मा० सत्र न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 20/07/2010 द्वारा इस फौजदारी निगारी वाद को निरस्त कर दिया. मा० मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश दिनांक 01/04/2011 द्वारा पुलिस के अंतिम रिपोर्ट को निरस्त कर अभियुक्तगण को तलब करने का आदेश दिया, जो वाद सं० 8945/2011 मा० न्यायालय में प्रचलित है.
उस समय से अब लगभग चार साल हो गए हैं पर अभी तक स्थानीय पुलिस द्वारा उपरोक्त अभियुक्तगण गिरफ्तार कर मा० न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत नहीं किये गए हैं जबकि इस बीच मा० न्यायालय ने कई बार गिरफ़्तारी का अधिपत्र निर्गत करने के अलावा धारा 82 तथा 83 सीआरपीसी की कार्यवाही के भी आदेश दे दिए हैं.
इस बीच दिनांक 15/10/2014 को श्री प्रीतम सिंह, उपनिरीक्षक/चौकी प्रभारी बंथला की रिपोर्ट, जिसे प्रभारी निरीक्षक लोनी ने दिनांक 16/10/2014 को मा० न्यायालय में प्रस्तुत किया, के अनुसार श्री प्रीतम सिंह ने रपट संख्या 28 समय 10.55 पर दिनांक 12/10/2014 को तथा रपट संख्या 65 समय 20.05 पर दिनांक 15/10/2014 को उक्त अभियुक्तगण के लिए दबिश दी गयी तो वे नहीं मिले. इस रिपोर्ट के अनुसार ग्राम प्रधान ने भी तस्दीक किया कि अभियुक्तगण गाँव में नहीं रहते हैं.
इसके विपरीत श्री ओमप्रकाश में मुझे श्रीमती सत्तो देवी बैसोया, ग्राम प्रधान, ग्राम फतियाबाद निठौरा का हस्ताक्षरयुक्त पत्र दिनांक 25/11/2014 प्रस्तुत किया है जिसमे लिखा है कि अभियुक्तगण ने उनके ग्राम प्रधान के फर्जी हस्ताक्षर और मुहर लगा कर मा० न्यायालय में फर्जी प्रमाणपत्र दाखिल करवाया है कि ये लोग ग्राम निठौरा में नहीं रहते हैं और यह फर्जी प्रमाणपत्र मा० न्यायालय में गिरफ़्तारी से बचने के लिए जमा किया गया है.
इसके साथ श्री ओमप्रकाश ने मुझे Ishwar Mavi के फेसबुक अकाउंट से प्राप्त दिनांक 07/01/2015 के कुछ फोटो भेजे हैं जो बंथला चिरोडी रोड पर “सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष” श्री ईश्वर मावी द्वारा एक शोरूमं के उद्घाटन के समय का है. इस फेसबुक कमेंट पर स्वयं श्री ईश्वर मावी ने अपने अलावा “सपा नेता और पूर्व ब्लाक प्रमुख” श्री चौधरी राजेंद्र और “आईसीडी के डायरेक्टर” श्री चाहतराम नेताजी की उपस्थिति का उल्लेख किया है. श्री ओमप्रकाश का कहना है कि ये “सपा नेता और पूर्व ब्लाक प्रमुख” श्री चौधरी राजेंद्र और “आईसीडी के डायरेक्टर” श्री चाहतराम नेताजी उनके मुकदमे के अभियुक्त राजेंद्र और चाहतराम ही हैं जिन्हें पुलिस लगभग नौ साल से नहीं खोज पा रही है पर जो खुलेआम उपरोक्त सार्वजनिक कार्यक्रम सहित सभी स्थानों पर आराम से भाग ले रहे हैं और हर जगह घूम-फिर रहे हैं पर जिन्हें स्थानीय पुलिस कथित रूप से बार-बार दबिश देने के बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पा रही है.
निवेदन करूँगा कि ये सारे तथ्य मुझे श्री ओमप्रकाश द्वारा उपलब्ध कराये गए अभिलेखों पर आधारित हैं, अतः इनकी सत्यता को देखा जाना आवश्यक होगा पर प्रथमद्रष्टया ये सभी अभिलेख इतने वास्तविक प्रतीत होते हैं कि इन्हें गलत समझ पाना असंभव जान पड़ता है. श्री ईश्वर मावी का फेसबुक अकाउंट (https://www.facebook.com/ishwar.mavi?fref=ts) तो मैंने स्वयं चेक किया जिसमे 07/01/2015 को समय 11:51am पर यह कमेंट वास्तव में अंकित है.
उपरोक्त तथ्यों के दृष्टिगत मैं आपके समक्ष श्री ओमप्रकाश का मुझे भेजे गए अनुरोधपत्र के साथ दिनांक 16/10/2014 का मा० मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गाजियाबाद का आदेश, श्री प्रीतम सिंह की रिपोर्ट, ग्राम प्रधान की रिपोर्ट दिनांक 25/11/2014 आदि संलग्न करते हुए निम्न निवेदन करता हूँ-
1. इस प्रार्थनापत्र में दिए तथ्यों की जांच गाजियाबाद से अलग किसी अन्य जनपद के न्यूनतम अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से कराये जाने की कृपा करें
2. यदि यह तथ्य प्रमाणित होता है कि श्री ईश्वर मावी के फेसबुक पर प्रदर्शित श्री चौधरी राजेंद्र, श्री चाहतराम नेताजी उपरोक्त हत्याकांड के अभियुक्तगण ही हैं तो इन्हें तथा अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कराये जाने की कृपा करें और साथ ही खुलेआम घूमने के बाद भी गिरफ़्तारी नहीं किये जाने के सम्बन्ध में उत्तरदायित्व भी निर्धारित करने की कृपा करें
3. यदि ग्राम प्रधान की रिपोर्ट दिनांक 25/11/2014 सही पायी जाती है और यह पाया जाता है कि थाना लोनी की पुलिस ने मा० न्यायालय को फर्जी अभिलेखों के आधार पर गलत रिपोर्ट दी है तो कृपया इस सम्बन्ध में कठोर कार्यवाही कराये जाने की कृपा करें
भवदीय,
(अमिताभ ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ
# 94155-34526
amitabhthakurlko@gmail.com
संलग्नक- उपरोक्तानुसार
प्रतिलिपि निम्न को कृपया आवश्यक कार्यवाही हेतु—
1. पुलिस महानिरीक्षक, मेरठ ज़ोन, मेरठ
2. पुलिस उपमहानिरीक्षक, मेरठ रेंज, मेरठ
3. एसएसपी गाजियाबाद