Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

रवि रतलामी मतलब हिंदी ब्लॉगिंग के आदि पुरुष!

रंगनाथ सिंह-

एक दशक पहले हिंदी ब्लॉगिंग से जुड़ा शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति रहा होगा जो रवि रतलामी के नाम से परिचित न रहा हो। ब्लॉगिंग के दिनों में मेरे लिए वो ट्रेन की दूसरी पटरी की तरह थे, जिनपर हमेशा नजर रहती थी लेकिन कभी बात-मुलाकात का संयोग नहीं बना।

Advertisement. Scroll to continue reading.

रवि रतलामी कुछ-कुछ वैसे ही थे, जैसे आधुनिक हिंदी के शैशव काल के पत्रकार एवं साहित्यकार इत्यादि थे। नए माध्यम में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए लगे रहने वाले साधु स्वभाव वाले निस्वार्थ जन। प्रिंट मीडिया में हिंदी को स्थापित करने वालों की तरह इंटरनेट मीडिया में हिंदी को स्थापित करने वालों के प्रति भी भावी पीढ़ियों को कृतज्ञ होना चाहिए। रवि रतलामी भी उन लोगों में एक थे, जिन्हें हम हिंदी ब्लॉगिंग के आदि पुरुष कह सकते हैं।

रतलामी जी के निधन की खबर भड़ास फॉर मीडिया के माध्यम से मिली। तभी सोचा कि कुछ लिखूँगा लेकिन भूल गया। अभी यह पोस्ट लिखने से पहले गूगल सर्च किया तो देखा कि रतलामी जी के निधन की हिंदी डिजिटल मीडिया में कोई खास कवरेज नहीं है। होनी चाहिए थी।

रतलामी जी के लिए साहिर के शब्द याद आ रहे हैं,

Advertisement. Scroll to continue reading.

माना कि इस जमीं को न गुलजार कर सके
कुछ खार कम तो कर गए गुजरे जिधर से हम

इन्हीं शब्दों के साथ रतलामी जी को कृतज्ञतापूर्ण हार्दिक नमन!

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement