हिंदुस्तान, अलीगढ़ में एक महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ के मामले को लेकर घमासान मचा हुआ है. अखबार के फाइनेंस डिपार्टमेंट के एक अधिकारी की हरकत ने पूरे समूह को शर्मसार किया है. इसकी सूचना आगरा, मेरठ होते हुए दिल्ली तक पहुंच चुका है, लेकिन अभी तक आरोप अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. खबर आ रही है कि मामले की जांच के लिए टीम गठित किए जाने की तैयारी है.
बताया जा रहा है कि अखबार में सर्कुलेशन डिपार्टमेंट में लगभग चार महीने पूर्व एक युवती ने नौकरी ज्वाइन की. उसकी ड्यूटी लोगों से अखबार पहुंचने के बारे में जानकारी आदान प्रदान करने की है. बताया जाता है कि इस युवती के नौकरी ज्वाइन करने के बाद से ही यूनिट में बैठने वाला फाइनेंस विभाग का अधिकारी सिटी ऑफिस में दिखाई पड़ने लगा. सूत्र बताते हैं कि वो युवती के पीछे कई दिनों तक पड़ा रहा.युवती ने उसे कभी भाव नहीं दिया. इसके बाद भी उसके हरकत में कोई कमी नहीं आई.
तीन दिन पहले की बात है. युवती जब बाथरूम की तरफ गई तो लंबे समय से नजर गड़ाए उक्त फाइनेंस अधिकारी भी उसके पीछे-पीछे बाथरूम की तरफ चला गया तथा उसे पकड़ लिया. उसके साथ छेड़खानी और बदतमीजी करने लगा, जिस पर युवती बड़ी जोर से चीखी. चीख सुनकर उस दौरान मौजूद लोग भी हतप्रभ रह गए. इसके बाद युवती ने फाइनेंस अधिकारी पर आरोप लगाते हुए जमकर भड़ास निकाली. अन्य सहयोगियों ने किसी तरह बीच बचाव कर मामले को तात्कालिक तौर पर बढ़ने से रोका.
खबर है कि पीडि़त युवती ने इसकी शिकायत आगरा और मेरठ के वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारियों से की. यह मामला इसके बाद दिल्ली तक भी पहुंच गया है. हालांकि अभी तक आरोपी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि इस मामले की जांच के लिए प्रबंधन एक टीम भेजने वाला है. उसकी रिपोर्ट के बाद ही उक्त फाइनेंस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस बीच भुक्तभोगी युवती दो दिनों तक ऑफिस नहीं आई. तीसरे दिन वह ऑफिस आई है, जिससे माना जा रहा है कि प्रबंधन के लोगों ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
गौरतलब है कि इसके पहले लखनऊ में भी ऐसा ही एक वाकया सामने आया था. एनई के पद पर तैनात एक पत्रकार ने एक महिला कर्मचारी के साथ छेड़खानी की थी. प्रबंधन ने इस पूरे मामले की जांच कराई थी. जांच में सभी आरोप सही पाए जाने के बाद उक्त एनई को हिंदुस्तान प्रबंधन ने अखबार से बाहर निकाल दिया था. प्रबंधन को भी ऐसे मामले शर्मसार करने वाले हैं. एक तरफ अखबार मलाला दिवस मनाता है तो दूसरी तरफ उसके ही कर्मचारी महिला सहयोगियों के साथ ऐसी हरकत करने पर उतारू रहते हैं.