Yashwant Singh-
गोदी राज आम जनता के लिए बहुत महंगा पड़ने लगा है. अडानी-अंबानी के यार गोदी सरकार वाले अब आम जनता के बैंक एकाउंट्स में डकैती डलवाने लगे हैं. माल्याओं, अडानियों, अंबानियों को लाखों करोड़ रुपये मुफ्त में लुटाने वाले चोरकट बैंक इसकी भरपाई आम जनता से कर रहे हैं.
आज मैंने अपना आईसीआईसीआई बैंक का सेविंग एकाउंट चेक किया तो आज की तारीख में 706 रुपये कटा दिखा. बगल में महीने अक्षरों में लिखा था dcardfee. कस्टमर केयर पर फोन कर इसका मतलब पता किया तो बताया गया कि ये डेबिट कार्ड / एटीएम कार्ड जो मेरे पास है, उसके एवज में सालाना फीस है.
मैंने पचास गाली देते हुए icici की कस्टमर केयर वाली लौंडिया से कहा कि जब हमें कार्ड दिया गया उस वक्त तो नहीं बताया गया था कि साल में एक बार सात आठ सौ रुपये कटेंगे. वह बार बार कहती रही कि प्रोफेशनल लैंग्वेज इस्तेमाल करें. मैं बार बार जवाब देता रहा कि जब जनता की गांड़ काटी जाएगी तो गाली ही प्रोफेशनल लैंग्वेज का रूप धारण कर लेती है इसलिए मेरी गालियों को मेरा प्रोफेशनल लैंग्वेज समझो.
घंटे भर तक उसकी माकासाकानाका करने के बाद ये तय हुआ कि डेबिट कार्ड के नाम पर काटे गए पैसे को रिफंड करने की मेरी शिकायत दर्ज कर ली गई है और उधर से डेबिट कार्ड टीम के लोग अगले 48 घंटों में मुझे फोन करेंगे.
घंटा कुछ होना हवाना है नहीं. ये चोरकट ऐसे ही चुपचाप कई बहानों से आम जन के सेविंग एकाउंट्स से पैसे काटते रहेंगे और अडानियों अंबानियों पर लुटाए गए पैसे की भरपाई करते रहेंगे.
आज जबकि मेरे बैंक एकाउंट से सात सौ रुपये बिना मतलब बैंक वाले ने काट लिया है तो मन ही मन एक हजार गाली झांसाराम फेंकू के रूप में कुख्यात गोदी सरकार को दिया हूं. जनता का पैसा चूस काट कर अपने कारपोरेट यारों पर लुटाने वाले फेंकूओं को देर-सबेर मेरा पाप श्राप लगेगा.
आप पाठकों के लिए सबक-
अगर आप किसी बैंक का एटीएम या डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड यूज करते हैं तो बैंक से पता कर लें कि इसके एवज में वह साल भर कब कितना पैसा काटता है. अगर पैसे काटे जाते हैं तो फौरन कार्ड सरेंडर कर दें और चेक बुक के जरिए बैंक ब्रांच जाकर पैसे निकालें. बैंक में रखे गए आपके एक एक पैसे कीमती हैं. अपने सेविंग या करंट एकाउंट में बैंक वालों को यूं ही डकैती न डालने दें. आप बैंक ब्रांच जाकर ये भी पूछ सकते हैं कि आपके एकाउंट में किस किस चीज के लिए बैंक पैसे काटता है. जैसे जो एसएमएस सर्विस एक्टिवेट है उसके लिए भी बैंक वाले पैसे काटते हैं. मैंने ये पता चलते ही एसएमएस सर्विस डीएक्टीवेट करा दिया.