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आयोजन

आईआईएमसी वाले पचास पार के इन पत्रकारों का महामिलन हुआ जयपुर में!

Vikas Mishra-

भारतीय जनसंचार संस्थान, दिल्ली यानी आईआईएमसी के हमारे बैच के मित्रों का महामिलन इस बार जयपुर में 7 अक्टूबर को हुआ। 28-29 साल पुराने साथ की यादें एक बार फिर ताजा हो गईं। नौजवानी में हम लोग मिले थे, तब उम्र की रवानी थी और अब जब मिले हैं तो बहुत कुछ बदला हुआ है।

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सबकी उम्र पचास के पार है। किसी के सिर पर बाल कम हो गए हैं और किसी के सिर पर हैं तो उन पर रंग रोगन हुआ है। कोई अपने श्वेत केशों से ही खुश है तो कुदरती रूप में है। कोई सुपरफिट है तो किसी का पेट बाहर है। किसी की आंखों पर ऐनक चढ़ गया है तो कोई डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की गोलियां खा रहा है। उम्र एक सच्चाई है लेकिन सबसे बड़ी सच्चाई ये है कि जब भी हम मिलते हैं तो दिल वहीं जाकर ठहर जाता है, जब पहली बार अगस्त 1994 में मिले थे। वही शोखियां, वही शरारतें, वही हंसी-ठहाके, वही मसखरी, वही मौज मस्ती।

यूं तो हमारे बैच का महामिलन 2009-10 से लगातार हो रहा है, लेकिन पहली बार ये कार्यक्रम दिल्ली से बाहर का बना। आयोजन की सुपारी ली अमृता Amrita Maurya ने। हेरिटेज होटल नारायण निवास पैलेस में क्या भव्य आयोजन किया अमृता ने। शानदार राजस्थानी गीत-संगीत के रंग में रंगे हम लोगों ने जायकेदार राजस्थानी भोजन का भी आनंद लिया। खूब गप्पबाजी हुई तो इन यादों को अरसे तक संजोने की मंशा में फोटोग्राफी भी जमकर हुई।

नया ये हुआ कि अब तक तमाम वजहों से आयोजन से दूर रही शालिनी जोशी Shalini Joshi पहुंचीं। शालिनी जयपुर में ही पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। संगीता Sangita Tewari और शालिनी दिल्ली में रूम पार्टनर्स थीं। बरसों बाद दोनों सखियां मिलीं तो बहुत देर तक बातें कीं, यहां तक कि इनकी बातें खत्म होने का नाम नहीं ले रही थीं। उधर बाकी दोस्त आपस में गप्प मार रहे थे तो टांग खिंचाई भी चालू थी। जो साथी अविवाहित बच गए हैं, उनकी शादी के प्रपोजल एक बार फिर से तैयार किये जा रहे थे। चुटकुलेबाजी के अलावा शेरो शायरी की भी महफिल जमी थी।

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कार्यक्रम में हर बार की तरह दो दोस्तों को सम्मानित किया गया। इस बार ये सम्मान मिला मित्र प्रमोद सिन्हा और समी अहमद को। शालिनी को इस मिलन समारोह में पहली बार आने पर सम्मानित किया गया। मित्र मुकेश कुमार ने उनका सम्मान किया।

शाम ढल रही थी और अगली मंजिल थी, जयपुर का प्रेस क्लब। आयोजन स्थल से मुश्किल से दो सौ मीटर दूर। वहां चाय पर गोलमेज सम्मेलन सजा तो गीत-संगीत का दौर चला। मुकेश कुमार ने कुछ लाजवाब शेर सुनाए, मित्र तरुण ने अपनी कविताएं सुनाईं। मनोज Manoj Kumar ने तराना छेड़ा- मुझे इश्क है तुम्हीं से, मेरी जाने जिंदगानी….। ये गाना मनोज तब भी इसी अंदाज में गाते थे, जब आईआईएमसी में हम लोग साथ थे। न अंदाज बदला और न आवाज बदली। मित्र मुकेश कुमार न जाने किस बात से इतने गदगद थे कि बोले-खुशी बहुत ज्यादा हो गई है, कुछ गम भरे नगमे सुनाओ। ये जिम्मेदारी मुझे मिली। फिर रास्ते में भी जब हम लोग दिल्ली के लिए लौट रहे थे तो कार में मुकेश के दर्द भरे नगमे खूब गाए गये।

इस कार्यक्रम का क्लाइमेक्स संपन्न हुआ देर रात। जब हम 10 दोस्तों ने एक साथ डिनर किया। वहां भी हंसी-मजाक, गाना बजाना हुआ। अमरेंद्र Amarendra K Kishore और Pawan Jindal के साथ खूब धमाल मचा।

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इस बार के कार्यक्रम में अमृता ने दोस्तों की अगवानी के लिए फिल्म प्रोड्यूसर और अभिनेता संजय सरदाना और ब्यूटी क्वीन मिसेज राजस्थान तृप्ति बर्दिया Tripti Bardia को आमंत्रित किया था। इन्होंने हमारे महामिलन समारोह का आनंद लिया तो हमने इनकी मौजूदगी का।

हर बार की तरह मित्रों का ये महामिलन कई मायने में यादगार रहा, लेकिन मन में कुछ कचोट रह गई। हर सम्मेलन में अगुआ की तरह शामिल होने वाले मित्र सुप्रिय Supriya Prasad अपनी खराब तबीयत की वजह से तो उत्पल चौधरी और राजीव रंजन अति आवश्यक कार्यों में व्यस्त होने की वजह से नहीं आ पाये। इनकी कमी बहुत खली। खैर कोई बात नहीं, ये सिलसिला तो सालाना है, इस बार नहीं तो अगली बार सही।

आप सोच सकते हैं कि ये हमारा और हमारे मित्रों के मिलन का निजी कार्यक्रम था तो इसकी इतनी चर्चा यहां क्यों..? दरअसल मैं इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को ये संदेश देना चाहता हूं कि मित्रों से मिलने का समय निकालते रहना चाहिए। जिस वय की मित्रता वाले मित्रों से आप मिलते हैं, उस वय में पहुंच जाते हैं। समय समय पर अपने बचपन, नौजवानी में झांकते रहने से जिंदगी की रौनक बनी रहती है।

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जब हम लोग आईआईएमसी में आए थे तब हमारे हीरो थे- एसपी सिंह। एसपी सिंह का 49 साल की उम्र में निधन हो गया था। आज हम सबकी उम्र 50 साल से ऊपर हो चली है, कोई ठिकाना नहीं कि आने वाले कुछ सालों बाद हमारे बीच से भी विकेट गिरने शुरू हो जाएं। हमने ठाना है कि मिलने का ये सिलसिला थमेगा नहीं। ये पार्टी तब तक चलेगी, जब तक हमारे बैच के कोई भी दो साथी जीवित रहेंगे, हालांकि इसके भी दावेदार कई हैं। फिटनेस के हिसाब से मेरा आकलन था कि संगीता तिवारी और पवन जिंदल सबसे आखिर तक बचेंगे, लेकिन अमृता और मुकेश कुमार ने नया दावा ठोंका है। दावा ये कि अंतिम पार्टी दो की नहीं बल्कि चार लोगों की होगी और ये दोनों उसमें शामिल होंगे। बहरहाल अभी तो हम सब टनाटन हैं तो फिर आखिरी पार्टी की बात ही क्यों..? आप भी इन तस्वीरों के माध्यम से हमारे इस मिलन समारोह के आनंद में सहभागी बन सकते हैं।

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