खुर्शीद अनवर खान-
जब किसी को भनक भी न थी तब मैनें आपको बताया कि जौनपुर में कुछ बड़ा होने वाला है। दूसरे दिन आपको इशारा किया कि तीन प्रमुख दलों में से एक दल के प्रत्याशी का टिकट कट जाएगा। कल जब बसपा के बड़े नेताओं ने टिकट कटने की बात को अफ़वाह बताया तो आप मे से बहुत सारे मित्रों ने मेरा मज़ाक उड़ाया और कहा की मैं झूठी ख़बर दे रहा हूँ। लखनऊ और दिल्ली में बैठे ऐसे पत्रकार जो दावा करते हैं कि वह मायावती की थाली में खाना खाते हैं उन्होंने मेरी सूचना को गलग बताया।आज सुबह होते होते मेरी बात सच साबित हुई।
अब आपको एक बात और बताता हूँ कि अभी बसपा ने किसी का टिकट घोषित नहीं किया है। फिलहाल, दो लोग नामांकन के सारे पेपर तैयार करके बैठे हैं।टिकट खरवार की अटैची में है। श्याम सिंह यादव के प्रत्याशी बनने की प्रबल संभावना है। अंतिम फैसला दोपहर एक बजे तक होने की उम्मीद है।
नए बसपा प्रत्याशी के पीछे भाजपा खड़ी है इस मैसेज को रोकने, गुस्साए ठाकुरों को शांत करने और कई तरह के डैमेज कंट्रोल के लिए बसपा- भाजपा का आईटी सेल सोशल मीडिया पर यह अफ़वाह उड़ा रहा है कि धनंजय सिंह ने खुद चुनाव लड़ने से इनकार किया है। इस अफ़वाह को बल देने के लिए कुछ टीवी चैनलों को भी मैनेज किया गया है।
यह भी उड़ाया जा रहा है कि धनंजय डर गए। अगर आप मेरी सूचनाओं पर यक़ीन करते हैं और मेरे लिखे पर भरोसा करते हैं तो मैँ यह दावे के साथ कहता हूं कि यह बातें कोरी बकवास हैं। न धनंजय सिंह डरे न झुके, डर गई भाजपा। धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को चुनावी मैदान से हटाने के लिए देश के सबसे टॉप लेबल के लोगों ने साज़िश रची।
मैं इस बात को इतने दावे से इस लिए कह रहा हूँ कि इस पूरे घटनाक्रम की जितनी सूचनाएं अब तक मेरे पास हैं उतनी इस देश मे किसी के पास नही। कहानी बहुत लंबी है, लिखने बैठ गया तो पोस्ट कई बित्ता लम्बी हो जाएगी। कोई दोस्त कॉलर माइक और बढ़िया कैमरे वाला मोबाइल लेकर मुझसे मिले तो शाम तक एक वीडियो बना कर इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकता हूँ।
विनय मौर्या-
धनंजय सिंह का बाहर आना उनकी पत्नी श्रीकला का टिकट कट जाना। मात्र इसलिए हुआ है क्योंकि क्षत्रियों की “कृपा” सिर्फ कृपाशंकर पर बरसे। दरअसल कृपा को स्थानीय लोग “हवाई” नेता के तौर पर ले रहे हैं। वहीं धनंजय की मौजूदगी कृपा को हवा-हवाई करने के लिए पर्याप्त थी। बसपा का बेस वोटों के साथ धनंजय की अन्य जातियों में पकड़ से इंकार नही किया जा सकता साथ ही उनको स्वजातीय वोट एकतरफा मिलना तय था। इससे लड़ाई बसपा बनाम सपा हो गयी थी।
चूंकि लड़ाई त्रिकोणीय भी नही हो रही थी लिहाजा बीजेपी आलाकमान चिंतित था। और नतीजा धनंजय की पत्नी का टिकट कट गया। अगर फिर भी धनंजय पत्नी को निर्दल लड़ा देते हैं तब यह श्रीकला भले ही न जीतें मगर कृपा की हारने की संभावना बढ़ जाएगी। सनद रहे जौनपुर की
राजनीति में धनंजय मल्हनी से निर्दल प्रत्याशी के तौर पर दूसरे नंबर पर रहें। तमाम हथकंडों को आजमाते हुए उन्होंने पत्नी को जिलापंचायत अध्यक्ष बनवा दिया। जबकि यह पद अधिकांश सत्ताधारी दल का माना जाता है। बसपा ने पुनः श्याम सिंह यादव को इसलिए टिकट दिया है ताकि यादव वोट दो भागों में बंट जाय।