आधे से ज्यादा जनवरी बीत चुका है और आईटीवी नेटवर्क का खस्ताहाल इंडिया न्यूज़ गुजरात वेंटिलेटर पर सांस ले रहा है। यह चैनल कर्मचारियों की पगार तक नहीं दे पा रहा। पिछले दो माह से ‘दिहाड़ी का दैत्य’ हर कर्मी को सता रहा है। दूसरों की खबर लेने वाले खुद एक ‘खबर’ बन गए हैं। फिलहाल कर्मचारी, नवंबर की तनख़ाह कब? इसके ऊपर चर्चा कर रहे हैं।
बातचीत के हर तीसरे वाक्य में अनायास ही वेतन का वाकबाण छूट जाता है। कुल मिलाकर साथियों का दर्द झलक ही जाता है। हम लोग जाएं तो आखिर जाएं भाड़ में, जैसी स्थिती बनी हुई है। कईयों ने तो दफ्तर आना ही छोड़ दिया है।
अब आते हैं कुछ आता न जाता, बिन बारिश का छाता विभाग एचआर में। कहने को तो हैं ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, लेकिन काम करने की शैली से बन गया है, हज्जाम डिपार्टमेंट! नरेश जसवाल और महावीर सिंह लगातार अपने ‘गंवारेपन’ का परिचय देते रहते हैं। सैलरी पूछने पर लाट साहब ऐसे भड़कते हैं, जैसे लाल कपड़ा दिखाने पर सांड़। HR काम न काज का, दुश्मन कर्मीयों का! व्हाइट कोलर गुंडई का काले शब्दों से कालिख पोतना ही सही उत्तर है।
CFO ए.वी.कृष्ण मोहन द्वारा इसकी टोपी उसके सर करने के चलते कर्मचारी आपा खो रहे हैं। सैलरी के बारे में पूछने पर गोल मोल बताते घुमाते ये दुनिया गोल होने का एहसास कराते हैं।
दो माह कि दिहाड़ी देने की मांग पर अड़े कर्मी, ITV गुजरात का PCR बंद!
आईटीवी नेटवर्क के गुजरात ब्यूरो में पिछले दो माह से कर्मचारियों को पगार नहीं मिल रही। चैनल में अफरा तफरी का माहौल है। 18 जनवरी 20 को गुजरात सरकार का पेड स्लाट चलना था, लेकिन सैलरी नहीं आने से मजबूरन काम बंद करना पड़ा। कंपनी के आला अधिकारियों ने मुंह सिल लिए हैं, पगार मिलेगी या नहीं, आएगी तो कब आएगी, इसका भी ठिकाना नहीं है।
एचआर मुखिया शिखा रस्तोगी, नरेश जसवाल और महावीर कर्मचारियों के फोन काट दे रहे हैं। जब भी अकाउंट विभाग में फोन करते हैं तब सीएफओ एवी कृष्ण मोहन कुछ भी सही से नहीं बता पाते। फिलहाल इंडिया न्यूज़ गुजरात के कर्मचारीगण लड़ाई के मूड में है। ये लोग एक साथ दो महिनी (नवंबर-दिसंबर) की सैलरी देने कि मांग पर अड़ गए हैं।